नई दिल्ली: श्रम मंत्रालय ने व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति (ओएसएच एंड डब्ल्यूसी) संहिता, 2020 के तहत मानकों की समीक्षा के लिये विशेषज्ञ समितियों का गठन किया है। संहिता में 13 विभिन्न श्रम कानूनों को समाहित किया गया है और इसका मकसद व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति का नियमन करने वाले कानूनों को सरल बनाना है। मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने विशेषज्ञ समितियों का गठन किया है। इसमें उद्योग और सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों से देश भर से विषयों के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। ये समितियां कारखानों, गोदी और निर्माण कार्यों से संबंधित सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति से जुड़े मौजूदा नियमों एवं नियमन की समीक्षा करेंगी।’’
कारखानों और गोदी (डॉक) कार्यों पर गठित समिति की अध्यक्षता कारखाना सलाह सेवा एवं श्रम संस्थान महानिदेशालय के महानिदेशक आर के एलनगोवान करेंगे। भवन और अन्य निर्माण कार्यों पर गठित समिति की अध्यक्षता चेन्नई स्थित एल एंड टी हाइड्रोकार्बन के उपाध्यक्ष और घरेलू परिचालन प्रमुख पीएलएन मूर्ति करेंगें। जबकि आग से जुड़ी सुरक्षा मामलों की समिति की अध्यक्षता गृह मंत्रालय में अग्नि मामलों के सलाहकार डी के शामी करेंगे। कारखाना कानून, 1948 के तहत बने 113 मानकों की समीक्षा की जाएगी।
मंत्रालय के अनुसार कारखाना, गोदी और निर्माण कार्यों से संबंधित नियम और नियमन के रूप में मौजूदा मानकों की समीक्षा क्रमश: 1950, 1990 अरैर 1998 में जारी अंतिम अधिसूचना के बाद नहीं की गयी है। इसीलिए प्रौद्योगिकी के स्तर पर बदलाव और व्यवस्था में सुधार को देखते हुए मौजूदा जरूरतों के हिसाब से उसे अद्यतन करने की जरूरत है। बयान के अनुसार गोदी कामगार (सुरक्षा, स्वास्थ्य कल्याण) नियमन, 1990 के तहत 102 नियमों की समीक्षा की जाएगी। इसी प्रकार, भवन और अन्य निर्माण कामगार (रोजगार नियमन और सेवा शर्तें) केंद्रीय नियम, 1998 के तहत 196 मानकों की समीक्षा की जाएगी।
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