नई दिल्ली। वाणिज्य मंत्रालय ने निर्यात बढ़ाने की दिशा में एक और कदम उठाते हुए निर्यातोन्मुखी इकाइयों (ईओयूज), सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर टेक्नोलॉजी पार्क के लिए नियम और सरल कर दिए हैं। नए कदमों के तहत इनके लिए गोदाम रखने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। सरकार के इन कदमों का मकसद देश से निर्यात शिपमेंट को बढ़ावा देना है। इन कदमों के जरिये ईओयूज में उत्पादों के विनिर्माण, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर टेक्नोलॉजी पार्क से निर्यात को प्रोत्साहन देना है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने उनके ईओयू इकाइयों के विलय अथवा बदलाव की स्थिति में सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क तथा इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर प्रौद्योगिकी पार्क के लिए कर रियायतों को हासिल करने के मामले में शर्तों को नरम किया है। डीजीएफटी ने एक अधिसूचना में कहा है कि कृषि, एक्वाकल्चर, बागवानी और मुर्गी पालन के क्षेत्र में काम करने वाले ईओयू को इकाई परिसर से बाहर उसकी गतिविधियों के संबंध में विशिष्ट सामान को बाहर ले जाने की अनुमति होगी।
ईओयू योजना दिसंबर 1980 में शुरू की गई थी। इसके तहत निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्रों में स्थित विनिर्माण इकाइयों को उनकी विदेशी कमाई के मुनाफे पर शत प्रतिशत कर छूट और कच्चे माल का शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी गई। यह योजना तय अवधि के लिए थी इसलिए मार्च 2010 से रियायत समाप्त हो गई। योजना के तहत लघु एवं मझोली इकाइयां निर्यात उद्देश्य से अपनी इकाई लगाती रही हैं। बाद में एक समिति ने इन इकाइयों को पुनर्जीवित करने के लिए कर प्रोत्साहन सहित कई कदमों का सुझाव दिया। इस योजना में ईओयूज, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर टेक्नोलॉजी पार्क शामिल हैं।
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