Power Crisis: पावर प्लांट में बढ़ने लगा कोयले का स्टॉक, लेकिन अब भी 70 प्लांटों के पास बचा सिर्फ 4 दिन का भंडार
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कोयले के चार दिन से कम भंडार वाले बिजली संयंत्रों की संख्या रविवार को बढ़कर 70 हो गई, जो एक सप्ताह पहले तीन अक्टूबर को 64 थी।
गंभीर बिजली संकट के मुहाने पर खड़े देश के लिए राहत भरी खबर है। कोयला स्टॉक की कमी झेल रहे देश के पावर प्लांटों में एक बार फिर से कोयले की सप्लाई में तेजी आ रही है। सरकार के सूत्रों के अनुसार 9 अक्टूबर और 10 अक्टूबर के बीच पावर प्लांटों में कोयले के भंडार में तेजी आई है। पावर प्लांटों के पास 9 अक्टूबर को जहां 25000 टन कोयला था, वहीं 10 अक्टूबर को यह बढ़कर 48000 टन आ गया है। लेकिन फिर भी संकट टला नहीं है। देश में अब 70 पावर प्लांट ऐसे हैं जिनके पास सिर्फ 4 दिनों का ही कोयला शेष है।
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में कोयला संकट की खबरों के बीच सोमवार को बिजली मंत्री आर के सिंह और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ बैठक की। माना जा रहा है कि घंटे भर चली बैठक के दौरान तीनों मंत्रियों ने बिजली संयंत्रों को कोयले की उपलब्धता और इस समय बिजली की मांग पर चर्चा की। बैठक में बिजली और कोयला मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। अधिकारियों ने कहा कि बैठक कई राज्यों द्वारा बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति में कमी के कारण संभावित बिजली संकट की चेतावनी के मद्देनजर हुई।
70 प्लांटों में चार दिन से कम का भंडार
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कोयले के चार दिन से कम भंडार वाले बिजली संयंत्रों की संख्या रविवार को बढ़कर 70 हो गई, जो एक सप्ताह पहले तीन अक्टूबर को 64 थी। ताजा आंकड़ों के मुताबिक कुल 1,65,000 मेगावाट से अधिक स्थापित क्षमता वाले कुल 135 संयंत्रों में 70 संयंत्रों में 10 अक्टूबर 2021 को चार दिन से भी कम का कोयला बचा था। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) इन 135 संयंत्रों की निगरानी करता है।
बढ़ती मांग ने बढ़ाई चिंता
बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक बिजली की खपत आठ अक्टूबर को 390 करोड़ यूनिट थी, जो इस महीने अब तक (1-9 अक्टूबर) सबसे ज्यादा थी। बिजली की मांग में तेजी देश में चल रहे कोयला संकट के बीच चिंता का विषय बन गई है। टाटा पावर की इकाई टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (डीडीएल), जो उत्तर और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में बिजली वितरण का काम करती है, ने शनिवार को अपने उपभोक्ताओं को फोन पर संदेश भेजकर कोयले की सीमित उपलब्धता के चलते विवेकपूर्ण तरीके से बिजली का उपयोग करने का अनुरोध किया था।
अगले हफ्ते तक घट सकता है संकट
बिजली मंत्रालय ने कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की कोयले की कुल आपूर्ति 15.01 लाख टन प्रतिदिन तक पहुंच गई। इस कारण खपत और वास्तविक आपूर्ति के बीच अंतर कम हो गया। कोयला मंत्रालय और सीआईएल ने आश्वासन दिया है कि वे अगले तीन दिन में बिजली क्षेत्र में कोयले की को बढ़ाकर 16 लाख टन प्रतिदिन करने के लिए भरपूर कोशिश कर रहे हैं और उसके बाद इसे बढ़ाकर 17 लाख टन प्रतिदिन किया जाएगा।
कोयला संकट के 4 कारण
बिजली संयंत्रों में कोयले के भंडार में कमी होने के चार कारण हैं- अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के कारण बिजली की मांग में अभूतपूर्व बढ़ोतरी, कोयला खदानों में भारी बारिश से कोयला उत्पादन और ढुलाई पर प्रतिकूल प्रभाव, आयातित कोयले की कीमतों में भारी बढ़ोतरी और मानसून से पहले पर्याप्त कोयला स्टॉक न करना।
बिजली कंपनियों पर सख्ती
मंत्रालय ने यह चेतावनी भी दी कि यदि कोई बिजली वितरण कंपनी पीपीए के अनुसार बिजली उपलब्ध होने के बावजूद कटौती का सहारा लेता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर कोयला मंत्रालय ने रविवार को स्पष्ट किया कि बिजली उत्पादक संयंत्रों की जरूरत को पूरा करने के लिए देश में कोयले का पर्याप्त भंडार है।