नई दिल्ली। कोयला मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति पिछले कई दिनों से लगातार बढ़ रही है और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की रिपोर्ट के अनुसार 26 अक्टूबर, 2021 तक बिजली संयंत्रों में कोयला भण्डार 90.28 लाख टन था। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि पिछले नौ दिनों से कोयले के भंडार में दैनिक वृद्धि के साथ, ताप बिजली संयंत्रों के पास पांच दिनों का भंडार उपलब्ध है। लगभग एक सप्ताह में इसके छह दिनों के बफर स्टॉक तक पहुंचने की संभावना है। बयान में कहा गया कि बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति लगातार बढ़ रही है, जो संयंत्रों में कोयले के भंडार में वृद्धि से स्पष्ट है और पिछले एक सप्ताह के दौरान औसत वृद्धि प्रति दिन दो लाख टन से अधिक है।
इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बिजली मंत्री आर के सिंह और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ एक ऑनलाइन बैठक की थी, जिसमें उन्होंने बिजली संयंत्रों में कोयला भंडार बढ़ाने के लिए जरूरी कदमों पर चर्चा की। इस बैठक में संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी, कोयला कंपनियों के सीएमडी और अन्य अधिकारी मौजूद थे।
वहीं कल आई क्रिसिल रेटिंग की रिपोर्ट के मुताबिक बिजली की मांग में अस्थायी गिरावट के बावजूद ताप बिजली संयंत्रों की क्षमता का 10वां हिस्सा अब भी प्रभावित है। क्रिसिल रेटिंग्स ने बुधवार को इस बारे में आगाह करते हुए कहा था कि शेष बचे वर्ष के दौरान कोयला भंडार 10 दिन से कम का रहेगा। हाल ही में एजेंसी ने कहा था कि कोयले की कमी यदि लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह भारतीय कंपनियों को प्रभावित कर सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयला आधारित निजी बिजली स्टेशनों की 209 गीगावॉट क्षमता का लगभग 10 प्रतिशत कोयले की बढ़ती मांग के बीच प्रभावित है। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घरेलू आपूर्ति में महामारी-पूर्व वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 16 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद कोयले की कमी गंभीर बनी हुई है।
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