नयी दिल्ली। केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. और उसकी सब्सिडियरी इकाइयों से तापीय बिजली घरों में इस माह के अंत तक 18 दिनों का कोयला भंडार सुनिश्चित करने के लिये हरसंभव कदम उठाने को कहा है कोल इंडिया लि. (सीआईएल) फिलहाल कोयले की कमी से जूझ रहे बिजली उत्पादकों को कोयले की आपूर्ति को प्राथमिकता दे रही है। कोल इंडिया के 47वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कोयला मंत्री ने सीआईएल से 2024 के अंत तक एक अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने का आह्वान किया। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों से इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये संशोधित लक्ष्य तथा विस्तृत रणनीति तैयार करने को कहा।
कोयला मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमत हाल में तीन गुना से अधिक बढ़ी है। इससे देश में कोयले का आयात 38 प्रतिशत घटा है। दूसरी तरफ बिजली मांग 24 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है। यह आर्थिक वृद्धि में मजबूती का संकेत है। उन्होंने कोल इंडिया के कर्मचारियों के काम के प्रति समर्पण की भी सराहना की। जोशी ने कहा कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के बावजूद कोयला कामगारों ने 24 घंटे काम किया और देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित की। इस मौके पर कोयला, खान और रेल राज्यमंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने देश में उपलब्ध विशाल कोयला भंडार का उपयोग करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की रिपोर्ट के अनुसार बिजली घरों में कोयला भंडार 26 अक्टूबर की स्थिति के अनुसार 90.3 लाख टन था। बीते हफ्ते एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि पिछले नौ दिनों से कोयले के भंडार में दैनिक वृद्धि के साथ, ताप बिजली संयंत्रों के पास पांच दिनों का भंडार उपलब्ध है। लगभग एक सप्ताह में इसके छह दिनों के बफर स्टॉक तक पहुंचने की संभावना है। बयान में कहा गया कि बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति लगातार बढ़ रही है, जो संयंत्रों में कोयले के भंडार में वृद्धि से स्पष्ट है और पिछले एक सप्ताह के दौरान औसत वृद्धि प्रति दिन दो लाख टन से अधिक है।
Latest Business News