A
Hindi News पैसा बिज़नेस आयात करने की जगह घरेलू स्रोत से कोयला खऱीदें कंपनियां: कोल इंडिया

आयात करने की जगह घरेलू स्रोत से कोयला खऱीदें कंपनियां: कोल इंडिया

देश में कोयले का आयात 2019-20 में 3.2 प्रतिशत बढ़कर 24.3 करोड़ टन रहा।

<p>coal import</p>- India TV Paisa Image Source : PTI coal import

नई दिल्ली। कोल इंडिया ने इस्पात समेत गैर-विनियमित क्षेत्रों से अपनी कोयले की जरूरत को उसकी ई-नीलामी योजनाओं के जरिये घरेलू स्रोतों से पूरा करने को कहा है जिससे उनका विदेशी मुद्रा व्यय कम होगा। फिलहाल ये क्षेत्र ईंधन में मिश्रण या सीधे उपयोग के लिए कोयले का आयात करते हैं। कोयले के घरेलू उत्पादन में 80 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदार कोल इंडिया के पास इस समय पर्याप्त कोयला है।

महारत्न कंपनी ने गैर-विनयमित ग्राहकों को दिये नोटिस में कहा, ‘‘यह देखा जा रहा है कि बिजली क्षेत्र के अलावा दूसरे संयंत्र मिश्रण या सीधे उपयोग के लिए विभिन्न देशों से कोयले का आयात कर रहे हैं।’’ कोल इंडिया ने कहा है कि मूल्यवान विदेशी मुद्रा की बचत के लिये आयात के बजाए घरेलू कोयले की खपत बढ़ाने की जरूरत है। उसने यह भी कहा है कि उसके पास कोयले का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। कंपनी ने कहा कि इस स्थिति को देखते हुए गैर-विनियमित क्षेत्र के ग्राहकों से आग्रह है कि वे आयात के बजाए ई-नीलामी योजनाओं के जरिये कोल इंडिया से कोयला लें। इस प्रकार की नीलामी कोल इंडिया की सब्सिडियरी कंपनियां नियमित तौर पर कर रही हैं।

सरकार ने कोल इंडिया से कम-से-कम 10 करोड़ टन आयातित कोयले की जगह देश में उत्पादित ईंधन के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिये ठोस कदम उठाने को कहा है। केंद्र ने एनटीपीसी, टाटा पावर, रिलायंस पावर जैसी बिजली उत्पादक कंपनियों से भी मिश्रण के लिये कोयले का आयात कम करने और उसकी जगह घरेलू कोयले का उपयोग करने को कहा है। बिजली क्षेत्र कोयले का प्रमुख ग्राहक है। कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने हाल में राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कोयला आयात करने की जगह कोल इंडिया से कोयला खरीदने की अपील की है।

देश में कोयले का आयात 2019-20 में मामूली 3.2 प्रतिशत बढ़कर 24.297 करोड़ टन रहा। भारत ने ऐसे काम के लिए कोयला आयात 2023-24 तक शून्य स्तर पर लाने का लक्ष्य रखा है जहां घरेलू कोयले से काम चल सकता है।

Latest Business News