कोल इंडिया के कर्मचारियों को मिलेगा 72500 रुपये का प्रदर्शन आधारित रिवार्ड, दशहरा से पहले होगा भुगतान
घरेलू कोयला उत्पादन में कोल इंडिया का 80 प्रतिशत से अधिक का योगदान है और उसने 2023-24 तक उत्पादन बढ़ाकर एक अरब टन करने की योजना बनाई है।
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया (Coal India) ने मंगलवार को अपने सभी गैर-कार्यकारी कैडर कर्मचारियों को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 72,500 रुपये का प्रदर्शन आधारित रिवार्ड देने की घोषणा की है। कंपनी ने कहा कि परफॉर्मेंस-लिंक्ड रिवार्ड (पीएलआर) का भुगतान 11 अक्टूबर, 2021 या इससे पहले कर दिया जाएगा।
महारत्न कंपनी ने एक बयान में कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), इसकी सहायक इकाईयों और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लि. (एससीसीएल) के गैर-कार्यकारी कैडर कर्मचारियों को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पीएलआर के रूप में 72,500 रुपये का भुगतान किया जाएगा। यह निर्णय सोमवार को नई दिल्ली में सीआईएल के ऑफिस में हुई बैठक में लिया गया है। इस बैठक में सेंट्रल ट्रेड यूनियंस, सीआईएल और एससीसीएल का प्रबंधन शामिल था।
कोयला एवं खनन मंत्री प्रहलाद जोशी ने ट्विट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार कोल वॉरियर्स के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्र निर्माण में इनके प्रयासों को पुरस्कृत करने के लिए, इस साल परफॉर्मेंस-लिंक्ड रिवार्ड को 68,000 रुपये से बढ़ाकर 72,500 रुपये करने का निर्णय लिया गया है।
कंपनी ने बताया कि इस फैसले से कुल 2,50,052 कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। उल्लेखनीय है कि सीआईएल, इसकी सहायक इकाईयों और एससीसीएल के गैर-कार्यकारी कैडर कर्मचारियों को पिछले साल 68,000 रुपये का पीएलआर मिला था। घरेलू कोयला उत्पादन में कोल इंडिया का 80 प्रतिशत से अधिक का योगदान है और उसने 2023-24 तक उत्पादन बढ़ाकर एक अरब टन करने की योजना बनाई है।
सरकार ने कोल इंडिया से इलेक्ट्रिक वाहन, चार्जिंग पॉड में संभावनाएं तलाशने को कहा
सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) से कहा है कि वह अपने कारोबार में विविधता लाने के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों और चार्जिंग पॉड जैसे क्षेत्रों में संभावनाओं की तलाश करे। कोयला मंत्रालय के 2021-22 के एजेंडा के अनुसार, सीआईएल को अपने व्यवसाय में विविधता लानी चाहिए और इलेक्ट्रिक चार्जिंग पॉड, ईवीएस जैसे तेजी से उभरते क्षेत्रों में संभावनाएं तलाशनी चाहिए।
मंत्रालय ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन पर भविष्य में प्रतिबंध के मद्देनजर सीआईएल के लिए विविधता लाने की योजना को टाला नहीं जा सकता। सीआईएल ने विविधीकरण के लिए नए व्यावसायिक क्षेत्र को चुना है, जहां कम कार्बन उत्सर्जन होता है। इन क्षेत्रों में सौर वेफर विनिर्माण, सौर बिजली उत्पादन, कोयला गैसीकरण और कोल बेड मीथेन शामिल हैं।
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