नई दिल्ली। देश में इस साल अप्रैल में कोयले का आयात 15 फीसदी घटकर 1.59 करोड़ टन रहा। पिछले साल इसी अवधि में यह 1.87 करोड़ टन रहा था। कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने एक ट्वीट में कहा, कोयला आयात के अस्थायी आंकड़े: अप्रैल 2015 के 1.87 करोड़ टन से घटकर अप्रैल 2016 में 1.59 करोड़ टन रहा। कीमत के हिसाब से यह अप्रैल 2015 के 8,942 करोड़ रुपए से घटकर 6,023 करोड़ रुपए रहा, जो 32 फीसदी कम है।
उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में आयात में कमी के चलते विदेशी मुद्रा में 24,000 करोड़ रुपए अनुमानित बचत हुई है। इससे पहले सरकार ने कहा था कि घरेलू आधार पर कोयला का उत्पादन बढ़ने के चलते भारत की योजना अगले दो-तीन साल में तापीय कोयले के आयात को पूरी तरह बंद करने की है, जिससे वार्षिक आधार पर 40,000 करोड़ रुपए की बचत होगी।
कोयला आयात में कमी से इस वित्त वर्ष में बचेंगे 40,000 करोड़ रुपए: गोयल
हालांकि इस संबंध में ऊर्जा एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कोकिंग कोयले के आयात की जरूरत है और उनका मंत्रालय इसके लिए पोत परिवहन कंपनियों से गठजोड़ करने को तैयार है। कोल इंडिया लिमिटेड ने अप्रैल में 3.75 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया, जबकि उसे 3.76 करोड़ टन कोयले का उत्पादन करना था। वर्ष 2015-16 में कोल इंडिया ने 53.6 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया था, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 4.2 करोड़ टन अधिक था। इस साल कोल इंडिया द्वारा 59.8 करोड़ टन कोयला उत्पादित करने का लक्ष्य रखा है।
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