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कोल इंपोर्ट बिल 2015-16 में 28,000 रुपए घटा, कोल इंडिया ने किया रिकॉर्ड कोयला उत्‍पादन

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के रिकॉर्ड कोयला उत्‍पादन की मदद से भारत वित्‍त वर्ष 2015-16 में अपना कोल इंपोर्ट बिल 28,000 रुपए कम करने में कामयाब रहा है।

कोल इंपोर्ट बिल 2015-16 में 28,000 रुपए घटा, कोल इंडिया ने किया रिकॉर्ड कोयला उत्‍पादन- India TV Paisa कोल इंपोर्ट बिल 2015-16 में 28,000 रुपए घटा, कोल इंडिया ने किया रिकॉर्ड कोयला उत्‍पादन

नई दिल्‍ली। दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के रिकॉर्ड कोयला उत्‍पादन की मदद से भारत वित्‍त वर्ष 2015-16 में अपना कोल इंपोर्ट बिल 28,000 रुपए कम करने में कामयाब रहा है।

कोयला सचिव अनिल स्‍वरूप ने एक ट्वीट में कहा कि कोल इंडिया के रिकॉर्ड कोयला उत्‍पादन की वजह से कोयले का आयात 3.42 करोड़ टन कम हुआ है। इसके परिणामस्‍वरूप 2015-16 में 28,000 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है। उन्‍होंने आगे कहा कि मार्च 2014-15 के दौरान कोयला आयात 2.14 करोड़ टन था, जो मार्च 2015-16  में 27.4 फीसदी घटकर 1.55 करोड़ टन रहा। वित्त वर्ष 2015-16 में कोल इंडिया ने 53.6 करोड़ टन का रिकॉर्ड कोयला उत्पादन किया, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना से 4.2 करोड़ टन अधिक है। कंपनी का उत्पादन 8.5 फीसदी सालाना की दर से बढ़ा है। हालांकि सीआईएल ने 2015-16 के लिए 55 करोड़ टन कोयला उत्‍पादन का लक्ष्‍य तय किया था।

इससे पहले कोयला और बिजली मंत्री पियूष गोयल ने कहा था कि कोल सेक्‍टर को कमर्शियल माइनिंग के लिए खोलने का फैसला लेने से सरकार को अपना कोल इंपोर्ट बिल कम करने में मदद मिली है। पिछले चार दशकों में पहली बार सरकार ने पिछले महीने कोल सेक्‍टर को कमर्शियल माइनिंग के लिए खोलने की मंजूरी दी है। सरकार ने 16 कोल ब्‍लॉक का आवंटन पीएसयू को किया है, जो कोयला का उत्‍पादन कर इसकी बिक्री करेंगे। यह फैसला सरकार के उस लक्ष्‍य के तहत उठाया गया है, जिसमें 2020 तक कोयला उत्‍पादन 1.5 अरब टन सालाना करना तय किया गया है। सरकार ने 2020 तक कोल इंडिया का सालाना कोयला उत्‍पादन लक्ष्‍य 1 अरब टन पर पहुंचाने का लक्ष्‍य रखा है।

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