नई दिल्ली। निजी क्षेत्र की मोबाइल दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के मंच सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने 5जी प्रौद्योगिकी को कोविड-19 महामारी के प्रसार की वजह बताने वाले सोशल मीडिया के फर्जी और भ्रामक संदेशों को हटावाने की मांग को लेकर सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय को पत्र लिखा है।
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा कि 5जी को कोरोना विषाणु से जोड़ने के दावे बेबुनियाद हैं क्योंकि देश में अभी 5जी दूरसंचार नेटवर्क स्थापित ही नहीं किए गए हैं। यही नहीं, दूरसंचार ऑपरेटरों ने अभी 5जी नेटवर्क का परीक्षण भी शुरू नहीं किए हैं। सीओएआई के सदस्यों में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियां शामिल हैं।
संगठन के महानिदेशक एस पी कोच्चर ने इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव राजेंद्र कुमार के नाम लिखी 15 मई की तारीख वाली एक चिट्ठी में कहा कि राष्ट्रीय हित की सुरक्षा करने के लिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप अपने पद का इस्तेमाल फेसबुक, व्हाट्सऐप और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया मंचों को इस तरह के सभी पोस्ट और गुमराह करने वाले अभियान तत्काल आधार पर अपने मंचों से हटवाने का निर्देश दें।
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर लोग ऐसे ऑडियो और वीडियो मैसेज साझा कर रहे हैं जिनमें 5जी टॉवरों को देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, जबकि सच्चाई ये है कि अभी किसी भी कंपनी ने भारत में 5जी प्रौद्योगिकी शुरू ही नहीं की है।
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