नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनियों के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न प्रतिकूल हालातों के बीच सरकार से दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) पर नियामकीय शुल्कों को तर्कसंगत बनाने का आग्रह किया है। संगठन ने इसके अलावा अन्य राहत उपायों की भी मांग की है।
दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को स्पेक्ट्रम शुल्क और लाइसेंस शुल्क जैसे नियामकीय शुल्कों का भुगतान करना पड़ता है। संगठन ने इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है कि स्पेक्ट्रम शुल्क और लाइसेंस शुल्क जैसे नियामक शुल्कों में तत्काल कटौती की जानी चाहिए। संगठन ने उपयोग में नहीं आए इनपुट टैक्स क्रेडिट को भी तत्काल वापस करने की मांग की है।
सीओएआई के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने 26 जून को लिखे पत्र में यह भी कहा है कि हम निवेदन करते हैं कि सीमांत लागत पर आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर दर) पर दूरसंचार कंपनियों को सस्ते कर्ज दिए जा सकते हैं। इसके लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के इनपुट क्रेडिट को गिरवी रखा जा सकता है।
मैथ्यूज ने कहा कि स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) की प्रभावी दर को सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए तीन प्रतिशत कम किया जाना चाहिए। इसके अलावा लाइसेंस शुल्क योगदान को तुरंत आठ प्रतिशत से घटाकर तीन प्रतिशत किया जाना चाहिए। रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल, नोकिया, एरिक्सन, स्टरलाइट, इंडस, सिस्को, फेसबुक, गूगल और अमेजन जैसी कंपनियां सीओएआई की सदस्य हैं।
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