नई दिल्ली। अगले 35 सालों में दुनियाभर में पांच लाख से अधिक लोगों की मृत्यु होगी, इसमे से करीब 135,000 लोगों की मृत्यु अकेले भारत में होगी और इसकी वजह बनेगा जलवायु परिवर्तन। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल दि लैनसेट में छपी नई रिपोर्ट के मुताबिक एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में 2050 तक 135,000 लोगों की मृत्यु होगी और इसकी वजह होगी जलवायु परिवर्तन से खाद्य उपभोग पर पड़ने वाला प्रभाव। रिपोर्ट के मुताबिक कृषि और खाद्य उपभोग में बदलाव से चीन में भारत की तुलना में ज्यादा मौत होंगी। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने 155 देशों में अध्ययन के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से दुनियाभर में 529,000 अतिरिक्त मौत होंगी।
खुद हमनें पैदा की है समस्या
जलवायु परिवर्तन आमतौर पर बड़े पैमाने पर, लंबी अवधि में पृथ्वी के मौसम पैटर्न या औसत तापमान में बदलाव को कहते हैं। इसमें अचानक गर्मी या सर्दी, वर्षा पैटर्न में बदलाव, समुद्री स्तर में वृद्धि या ग्लेशियर का पिघलना शामिल है। जलवायु परिवर्तन के कुछ प्राकृतिक कारण हैं, वर्तमान बदलाव में अधिकांश हिस्सेदारी मानव जनित है, जिसमें ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन प्रमुख है।
खाद्य उत्पादन पर पड़ेगा विपरीत असर
इस रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि जलवायु परिवर्तन का खाद्य उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। 2050 को मॉडल प्रोजेक्ट मानते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन से वैश्विक खाद्य उपलब्धता प्रति व्यक्ति 3.2 फीसदी घटेगी, फल और सब्जी उपभोग 4 फीसदी घटेगा और मीट के उपभोग में 0.7 फीसदी कमी आएगी।
जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों में होगी वृद्धि
रिपोर्ट में कहा गया है कि आहार की आदतों में यह बदलाव जीवन शैली से जुड़ी बीमारियों में वृद्धि का कारण होगा। भारत में पहले से ही स्वास्थ्य जोखिम में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां शामिल हैं। उदाहरण के लिए, भारत में होने वाले कुल मृत्यु में तकरीबन 60 फीसदी मृत्यु गैर संचारी रोगों जैसे दिल में संक्रमण, मधुमेह, कैंसर और सांस की बीमारियों की वजह से होती हैं।
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