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कैंसर और एड्स के इलाज पर टैक्‍स छूट पाना आसान, सरकार ने नियमों को किया सरल

वित्त मंत्रालय ने थैलेसीमिया, कैंसर, एड्स और हीमोफीलिया जैसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए खर्च हुई राशि पर टैक्‍स लाभ लेने के नियमों को आसान बना दिया है।

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नई दिल्‍ली। वित्त मंत्रालय ने थैलेसीमिया, कैंसर, एड्स और हीमोफीलिया जैसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए खर्च हुई राशि पर टैक्‍स लाभ लेने के नियमों को आसान बना दिया है। इसके लिए अब आपको सरकारी अस्‍पताल से किसी तरह का प्रमाणपत्र लेने की आवश्‍यकता नहीं होगी। मंत्रालय ने इस आवश्‍यकता वाले प्रावधान को समाप्‍त कर दिया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इसके लिए टैक्‍स कानून के नियम 11डीडी में संशोधन कर अधिसूचना जारी कर दी है।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि संशोधित नियम में विशेष बीमारियों के संदर्भ में खर्च के दावे के लिए धारा 80डीडीबी के तहत सरकारी अस्पताल में एक विशेषज्ञ डॉक्‍टर से प्रमाणपत्र लेने की शर्त में छूट दी गई है।

मंत्रालय ने कहा है कि संशोधित नियम 11डीडी के तहत कोई भी विशेषज्ञ डॉक्‍टर प्रमाणपत्र जारी कर सकता है। इन विशेषज्ञों का संशोधित नियम में जिक्र किया गया है। इसलिए अब सरकारी अस्‍पताल में काम करने वाले विशेषज्ञ डॉक्‍टर से प्रमाणपत्र लेने की आवश्‍यकता नहीं होगी।

80डीडीबी के तहत गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए 40,000 रुपए तक की राशि टैक्‍स से मुक्‍त रखी गई है। वरिष्‍ठ नागरिकों के मामले में यह राशि 60,000 रुपए तथा अतिवरिष्‍ठ नागरिकों के लिए 80,000 रुपए है। यह टैक्‍स लाभ करदाता या आश्रितों को दिया जाता है। आश्रितों में पति या पत्‍नी, माता-पिता शामिल हैं।

मौजूदा प्रावधानों के तहत गंभीर बीमारी के संदर्भ में टैक्‍स छूट के लिए सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले विशेषग्यों से प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य था। इससे लोगों को परेशानी होती थी। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अपने बजट भाषण में टैक्‍स छूट की घोषणा की थी।

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