नई दिल्ली। नागर विमानन मंत्रालय विमान ईंधन एटीएफ को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत लाने के लिए जीएसटी परिषद से संपर्क करेगा। नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा से मुलाकात के बाद एक एयरलाइन के वरिष्ठ अधिकारी ने आज यह संकेत दिया।
इस बैठक में एयर इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खारोला, पवन हंस के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक बीपी शर्मा, निजी एयरलाइन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अन्य विमानन कंपनियों के मुख्य वित्त अधिकारी शामिल हुए थे।
एक एयरलाइन के अधिकारी ने कहा कि हमने मंत्रालय को अपने सुझाव दिए हैं और मंत्रालय जल्द जीएसटी परिषद से मिलकर हमारी बात रखेगा। जहां उद्योग ने एयरलाइन उद्योग से संबंधित विभिन्न मुद्दों को उठाया, लेकिन मुख्य मुद्दा एटीएफ को जीएसटी में लाने का रहा।
अभी एटीएफ जीएसटी के दायरे में नहीं आता और विभिन्न राज्यों में इस पर शुल्क दरें भिन्न-भिन्न हैं। किसी एयरलाइन की परिचालन लागत में जेट ईंधन का उल्लेखनीय हिस्सा होता है। इससे टिकट का मूल्य भी प्रभावित होता है। संसद के शीतकालीन सत्र में सिन्हा ने एक लिखित जवाब में कहा था कि उनके मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से एटीएफ को जीएसटी के तहत पूरे इनपुट कर क्रेडिट के साथ लाने का आग्रह किया है।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि विमानन रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (एमआरओ) उद्योग में जीएसटी की दर घटाने पर भी विचार हुआ। फिलहाल एमआरओ उद्योग पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है।
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