नई दिल्ली। दवा कंपनी सिप्ला ने भारत में एलीफास्ट ब्रांड नाम के तहत रोग प्रतिरोधक क्षमता का पता लगाने वाली किट को लॉन्च करने की घोषणा की है। कंपनी ने कारवा लिमिटेड के साथ भागीदारी में इस किट को बाजार में उतारा है। सिप्ला ने एक वक्तव्य में यह जानकारी देते हुए कहा कि इस किट के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण किया है। कंपनी ने कहा है कि सहयोगात्मक प्रयासों के तहत सिप्ला एसएआरएस सीओवी-2-एलजीजी रोग प्रतिरोधक खोज एलीसा के विपणन और वितरण के लिए जिम्मेदार होगी। इसका विनिर्माण कारवा लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।
कंपनी के वक्तव्य में कहा गया है कि सिप्ला के वितरण नेटवर्क के जरिये इस किट की देशभर में आपूर्ति सुनियोजित तरीके से होगी। यह आपूर्ति आसीएमआर द्वारा मंजूरी प्राप्त चैनलों के जरिये की जाएगी ताकि इसका समान तरीके से वितरण हो सके। एलीफास्ट को आईसीएमआर और पुणे स्थिति नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी एनआईवी) द्वारा मंजूरी और विधिमान्य किया गया है। इस किट के जरिये कोविड-19 के समक्ष किसी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक स्थिति का पता लग सकेगा। आईसीएमआर ने सीरो-निगरानी के तहत इस प्रकार के परीक्षण की सिफारिश की है।
सीरम इंस्टीट्यूट का दावा दिसंबर से मिलेगी Covid-19 वैक्सीन
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि कोरोनावायरस की एक वैक्सीन Covidshield के नतीजे काफी अच्छे आए हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अभी इस वैक्सीन में यूके से आने वाले डाटा को भी देखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अभी भारत के ड्रग रेगुलेटर से मिलने वाली मंजूरी पर भी यह निर्भर करता है कि यह दवा कब मिलेगी। अगर सबकुछ अच्छा रहा तो दिसंबर में इसका इमरजेंसी के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर वैक्सीन बना रही है। कंपनी ने कहा कि यूके में ट्रायल के नतीजे अगर ठीक आते हैं तो वह इमरजेंसी ऑथराइजेशन के लिए आवेदन करेगी। भारत सरकार ने पहले ऐसे संकेत दिए हैं कि अगर जरूरत पड़ती है तो किसी वैक्सीन को इमरजेंसी ऑथराइजेशन दी जा सकती है।
Covidshield को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट में डेवलप किया जा रहा है। इसे एंग्लो-स्वीडिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका डेवलप कर रही है। भारत में इस वैक्सीन का फाइनल ट्रायल 1600 लोगों पर चल रहा है। सीरम ने एक नई कंपनी- सीरम इंस्टीट्यूट लाइफ साइंसेज शुरू की है। इसका फोकस सिर्फ महामारी से जुड़ी दवाएं विकसित करने और सप्लाई करने पर है। मंगलवार को पूनावाला ने कहा था कि ब्रिटिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनका ने बताया है कि उसकी दवा का असर युवाओं और बुजुर्गों पर अच्छा हो रहा है। पूनावाला ने कहा था कि यह शुरुआती अच्छी खबर है।
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