कोलकाता। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड ने पहली बार पावर प्लांट्स को समय पर पर्याप्त कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 700 करोड़ रुपए की लागत से सामान्य वैगन निवेश योजना के तहत रेल वैगन खरीदने का निर्णय लिया है।
कंपनी ने गुरुवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न कंपनी के निदेशक मंडल ने करीब 700 करोड़ रुपए में 40 रैक की खरीद को मंजूरी दी है। एक रैक में 59 डिब्बे होते हैं। एक अनुमान के अनुसार एक रैक से 14 लाख टन सालाना कोयले की ढुलाई की जा सकती है।
कोल इंडिया ने कहा कि कोल इंडिया के ये रेल डिब्बे केवल कंपनी के कोयले की ढुलाई में उपयोग किए जाएंगे। इससे बिजली क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति को गति दी जा सकेगी। सूत्रों ने बताया कि पावर सेक्टर को अभी दो साल तक और इंतजार करना होगा क्योंकि कोल इंडिया के अपने रैक से ढुलाई शुरू करने में इतना समय लगेगा।
एक वैगन का जीवन 35 साल होता है, ऐसे में कोल इंडिया के लिए यह एक नई संपत्ति होगी। अधिकारी ने कहा कि रेल से ढुलाई सस्ती और पर्यावरण अनुकूल है, जबकि सड़क मार्ग से कोयले की ढुलाई महंगी और प्रदूषण बढ़ाने वाली है। इसलिए कोल इंडिया ने रेल वैगन में निवेश करने का फैसला किया है।
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