नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया ने बिजली क्षेत्र को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 9.35 करोड़ टन कोयले की आपूर्ति की जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के मुकाबले 21.7 प्रतिशत कम है। कोयला मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार कोल इंडिया लि. (सीआईएल) ने पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में बिजली क्षेत्र को 11.95 करोड़ टन कोयले की आपूर्ति की थी। महारात्न कंपनी द्वारा पिछले महीने भेजा गया कोयला भी 3.094 करोड़ टन रहा। यह वर्ष 2019 के जून महीने में भेजे गये 3.814 करोड़ टन के मुकाबले 19 प्रतिशत कम है।
सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लि.(एससीसीएल) ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 72.8 लाख टन की आपूर्ति की जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में भेजे गये 1.399 करोड़ टन के मुकाबले 48 प्रतिशत कम है। कोल इंडिया ने पिछले सप्ताह कहा था कि जुलाई-सितंबर तिमाही में भी स्थिति अनिश्चित रहेगी क्योंकि कुछ राज्य कोविड- 19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए फिर से ‘लॉकडाउन’ लगा रहे हैं। कुछ प्रमुख खदानों में कोयला उत्पादन अब भी प्रभावित है। इसका कारण कोयले का अधिक भंडार तथा कम उठाव है। सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनी ने एक से 16 जुलाई के दौरान 1.805 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया। जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 1.961 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया गया था।
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