नई दिल्ली: सस्ता कर्ज, मजबूत नकदी, विदेशी बाजारों से बेहतर वित्तीय संपर्क और आर्थिक गतिविधियों में तेजी से कुल मिलाकर भारत की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है। यह बात एक सर्वेक्षण में कही गई। RBI की मंगलवार को पांचवीं द्वैमासिक नीतिगत समीक्षा से पहले उद्योग संगठन CII और IBA ने एक रिपोर्ट पेश की है जिसके मुताबिक वित्तीय स्थिति सूचकांक चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान बढ़कर 70.3 पर पहुंच गया जो पिछली तिमाही में 67.8 पर था।
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CII ने एक विज्ञप्ति में कहा 2015-16 की तीसरी तिमाही के दौरान CII-IBA वित्तीय स्थिति सूचकांक 50 के स्तर से काफी ऊपर 70.3 था।
सर्वेक्षण के मुताबिक सूचकांक से स्पष्ट है कि सर्वेक्षण में शामिल ज्यादातर बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने कुल मिलाकर वित्तीय स्थितियों में सुधार या अपरिवर्तित रहने की बात कही थी जबकि पिछली तिमाही में इसमें गिरावट का जिक्र किया था। रिपोर्ट के मुताबिक यह देखना बेहद सुखद है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वित्तीय स्थितियों में कुल मिलाकर वृहत-आर्थिक दृष्टिकोण के अनुरूप सुधार हो रहा है।
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CII के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने एक बयान में कहा मौजूदा तिमाही में वित्तीय स्थिति सूचकांक में सुधार से आरबीआई को नीतिगत दरों में कटौती की प्रक्रिया बरकरार रखने और आगे बढ़ाने में आवश्यक मदद मिलेगी ताकि उच्च आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिले। सूचकांक बड़े बैंक एवं वित्तीय संस्थानों के बीच किए गए सर्वे पर आधारित है। सर्वे में कुल सार्वजनिक क्षेत्र के 21 बैंकों समेत कुछ 36 वित्तीय संस्थान शामिल हुए। इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) के अध्यक्ष और देना बैंक के सीएमडी (अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक) अश्विनी कुमार ने कहा, वित्तीय स्थिति सूचकांक के प्रदर्शन में सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है।
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