नई दिल्ली। घरेलू शराब विनिर्माता कंपनियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहोलिक बेवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) ने राज्य सरकारों से शराब की बिक्री की अनुमति देने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि इस लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री पर पूर्ण पाबंदी से अवैध और नकली शराब की बिक्री हो रही है और दूसरी तरफ सरकारी खजाने पर असर पड़ रहा है।
संगठन का कहना है कि देशव्यापी बंद से सभी थोक और खुदरा शराब की दुकानें बंद है। सीआईएबीसी ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए सामाजिक दूरी के लिहाज से बार को बंद करने की जरूरत समझ में आता है पर दुकानों को खोलने की अनुमति मिलनी चाहिए।
संगठन ने 10 राज्यों.दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर यह मांग की है। सीआईएबीसी के महानिदेशक विनोद गिरी ने पत्र में कहा है कि राज्यों में अवैध और नकली शराब बिकने की रिपोर्ट है। इससे न केवल लोगों के स्वास्थ्य को खतरा है बल्कि कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
गिरी ने कहा कि शराब राज्य सरकारों के लिए राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है और खुदरा दुकानों के बंद होने से राज्य इस कर राजस्व से वंचित हैं जो कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए जरूरी है। संगठन ने कहा कि दुकान खुलने के समय में कमी समेत अन्य एहतियाती उपाय कर इसे खोलने की अनुमति दी जा सकती है।
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