नयी दिल्ली। सरहद पर दुश्मन और घर में आतंकियों की गोली को भारतीय सेना के जवानों की छाती पर रोकने वाली बुलेटप्रूफ जैकेट चीन से आयात किए गए सस्ते कच्चे माल से बनाई जा रही है। हालांकि सरकार का कहना है कि इन जैकेटों की क्वालिटी को लेकर चिंता करने लायक कोई बात अभी तक सामने नहीं आई है। नीति आयोग के सदस्य विजय कुमार सारस्वत ने रविवार को कहा कि भारतीय थलसेना के लिए बुलेटप्रुफ जैकेट बनाने वाली भारतीय कंपनियां किफायती होने के कारण चीन से कच्चे माल का आयात कर रही हैं। दरअसल सारस्वत से भारतीय सेना की बुलेटप्रूफ जैकेटों में चीनी माल के इस्तेमाल को लेकर चिंता पर सवाल पूछा गया था। उन्होंने कच्चे माल की गुणवत्ता पर शक को खारिज किया। उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक इस तरह की चिंता वाली कोई भी रिपोर्ट सामने नहीं आई है। सारस्वत ने कहा कि वे चीनी माल के खिलाफ तभी हस्तक्षेप कर सकते हैं जबकि गुणवत्ता का कोई प्रश्न हो पर इस तरह की कोई बात नहीं आई है।
बता दें कि विजय कुमार सारस्वत रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने नीति आयोग को हल्के बुलेटप्रुफ जैकेट के घरेलू स्तर पर निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए एक रुपरेखा तैयार किया है। सारस्वत के मुताबिक भारतीय मानक ब्यूरो ने भारतीय बलों द्वारा इस्तेमाल में लाए जाने वाले बुलेट प्रुफ जैकेट की गुणवत्ता के मानक भी तय कर लिए हैं। नीति आयोग के सदस्य भारतीय सशस्त्र बलों के बुलेटप्रुफ जैकेट के निर्माण में इस्तेमाल में लाए जाने वाले चीनी कच्चे माल के इस्तेमाल को लेकर उठती चिंताओं से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने चिंताओं को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि चीन से कच्चे माल का आयात बाजार आधारित है और वह अन्य की तुलना में किफायती है। डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख वी के सारस्वत ने कहा कि यह बाजार की जरूरतों पर आधारित है। हम इसमें कुछ नहीं कर सकते। चीनी सामानों से बने बुलेटप्रुफ जैकेट की गुणवत्ता मानक के हिसाब से नहीं होने पर ही हम कुछ कर सकते हैं लेकिन अब तक इस तरह की कोई खबर नहीं मिली है।
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