बीजिंग। जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर प्रतिबंध का चीन द्वारा संयुक्त राष्ट्र में विरोध करने के बाद भारत में चीनी सामानों के बहिष्कार का अभियान जारी है, लेकिन इसके बावजूद त्योहारी मौसम में भारत में चीनी माल की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। यह जानकारी यहां के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के लेख में दी गई है।
लेख के अनुसार, भारत में दीवाली सबसे बड़ा खरीदारी मौसम है और हिंदुओं का सबसे प्रमुख त्योहार भी है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से भारतीय सोशल मीडिया पर चीनी सामान के बहिष्कार के लिए अभियान चलाया जा रहा है और कुछ राजनेता भी तथ्यों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रहे हैं।
लेख में कहा गया है, हालांकि भारत में चीनी सामानों के लिए बिना परवाह के बहिष्कार अभियान चलाने और भारतीय मीडिया द्वारा चीनी सामानों का बुरा दिन आने की रिपोर्ट दिखाने के बावजूद भारत सरकार ने कभी भी चीनी उत्पादों की आलोचना नहीं की है और वह पूरे देश में काफी लोकप्रिय हैं। लेख के अनुसार बहिष्कार का यह अभियान सफल नहीं हुआ है।
मेड इन चाइना का विरोध व्यापारियों पर पड़ रहा भारी, दिवाली पर 20-30% बिक्री घटने की आशंका
- देश के तीन प्रमुख ई-वाणिज्य खुदरा बिक्री मंचों पर चीनी उत्पादों की अक्टूबर के पहले हफ्ते में रिकॉर्ड बिक्री हुई है।
- चीन की हैंडसेट कंपनी शियोमी ने फ्लिपकार्ट, आमेजन इंडिया, स्नैपडील और टाटा क्लिक जैसे मंचों पर तीन दिन में पांच लाख फोन बेचे हैं।
- जब भी भारत में क्षेत्रीय मुद्दों पर तनाव बढ़ता है तो अक्सर चीनी उत्पाद उसका शिकार बनते हैं।
- यह धारणा पिछले कुछ सालों से देखने को मिल रही है।
- भारत-चीन संबंधों में द्विपक्षीय व्यापार मजबूत स्तंभों में से एक है।
- दोनों देशों के बीच 2015 में 70 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था और चीन ने भारत में करीब 87 करोड़ डॉलर का निवेश किया।
- यह 2014 के मुकाबले छह गुना अधिक था।
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