कोरोना के बाद अब चीन के सामने संक्रमित नोटों को नष्ट करने का संकट, 84000 करोड़ रुपए के नोट किए जाएंगे नष्ट
पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने कागज से बने संक्रमित नोटों को नष्ट करने का आदेश दिया है। हालांकि, अभी तक यह बात साफ नहीं हो पाई है कि चीन का सेंट्रल बैंक कितनी राशि के नोटों को नष्ट करेगी।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस का असर अब चीन की मुद्रा और अर्थव्यवस्था पर सीधे तौर पर पड़ रहा है। जहां एक ओर चीन का आयात-निर्यात प्रभावित हो रहा है वहीं दूसरी ओर चीन के लोगो को नकदी संकट का भी सामना करना पड़ सकता है। जानलेवा कोरोनावायरस ने चीन की कमर तोड़कर रख दी है। चीन की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है। अब कोरोना वायरस की चपेट में चीन की मुद्रा भी आ गई है। खासकर कागज के नोटों से संक्रमित हो जाने से खतरा बढ़ता जा रहा है। कागज के नोटों के जरिए कोरोनावायरस फैल रहा है।
कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहे चीन के सामने हजारों करोड़ों के संक्रमित नोटों को नष्ट करना बड़ी समस्या है। ऐसे में चीन ने 84000 करोड़ रुपए के नोटों को नष्ट करने का आदेश दे दिया है। हजारों करोड़ों के संक्रमित नोटों को नष्ट करने का आदेश दे दिया गया है। चीन की सरकार संक्रमित लोगों के हाथों से होते हुए बाजार में फैले संक्रमित नोट को ठीक करने में जुटी है। चीन की सरकार संक्रमित लोगों के हाथों से होते हुए बाजार में फैले संक्रमित नोट को ठीक करने में जुट गई है। अस्पताल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, सार्वजनिक स्थलों पर इस्तेमाल होने वाले काजगी नोट कोरोनावायरस की चपेट में आ गए हैं। ऐसे में सरकार ने उन कागज के नोट को नष्ट करने का आदेश दिया है , जो अस्पतालों, बाजारों और परिवहन सेवाओं से आए हैं।
दरअसल, चीन के सेंट्रल बैंक ने हजारों करोड़ों के संक्रमित नोटों को नष्ट करने का फैसला लिया है। हालांकि, अभी यह तय नहीं हो पाया है कि सेंट्रल बैंक कितनी राशि के नोटों को नष्ट करेगा। उधर पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) ने भी कागजों से बने सभी नोटों को खत्म करने का आदेश दिया है। चीन के सेंट्रल बैंक की गुआंगझोउ ब्रांच ने कहा है कि वह बाजार से आए कागज के सारे नोट बर्बाद कर देगी। बैंक के पास ये करेंसी नोट अस्पतालों, बाजारों और बसों से कलेक्ट किए गए पैसों से पहुंची है।
सेंट्रल बैंक के डिप्टी गर्वनर फैन यिफेई ने कहा है कि सेंट्रल बैंक ने 17 जनवरी से अब तक पूरे देश में 600 बिलियन युआन (करीब 6.11 लाख करोड़ रुपए) के नए नोट पूरे देश में जारी किए हैं, इनमें से 4 बिलियन युआन (करीब 28,581 करोड़ रुपए) के नए नोट तो सिर्फ वुहान में भेजे गए हैं। चीन का वुहान और हुबेई प्रांत कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
सेंट्रल बैंक ने कहा है कि पहले से बाजार में सर्कुलेटेड कागज के नोट नष्ट करने होंगे। जबकि, जनवरी के बाद से बाजार में भेजे गए नोटों को जमा करके क्वारंटीन किया जाएगा। इसके लिए नोट की अल्ट्रवायलेट किरणों से सफाई होगी फिर उन्हें 14 दिनों तक क्वारंटीन में रखा जाएगा। इसके बाद बाजार में भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि, चीन में घातक कोरोना वायरस का कहर जारी है और यह अभी तक 1700 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस वायरस से हुबेई प्रांत में 100 और लोगों के मारे जाने के कारण इससे मरने वालों की संख्या सोमवार को 1700 के पार हो गई। चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन के मुताबिक, यह वायरस अब तक कुल 1765 लोगों की जान ले चुका है। बता दें कि कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा आतंक हुबेई प्रांत में हैं, जहां से दिसंबर में यह वायरस फैलना शुरू हुआ था। कोरोना वायरस की वजह से अब तक पूरी दुनिया में 71,326 लोग बीमार हैं, इनमें 70,548 लोग सिर्फ चीन में हैं। पूरे विश्व में कोरोना वायरस की वजह से 1,775 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 1,770 तो सिर्फ चीन के ही हैं।
जबकि, बाजार से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि चीन ने वुहान और चीन के दक्षिणी राज्यों में जो 84,321 करोड़ रुपए के कागज के नोट भेजे हैं, उन्हें नष्ट करेगी। इनमें से दक्षिणी राज्यों में 55,740 करोड़ रुपए भेजे गए थे। सबसे बड़ा मुद्दा ये है कि सेंट्रल बैंक ने सभी लोगों से गुजारिश की है कि वे सभी पुराने कागज के नोट बैंक में जमा करा दें, ताकि उन्हें नष्ट कर सकें या क्वारंटीन कर सकें। यानी बड़ी मात्रा में पुराने नोट नष्ट किए जा सकते हैं।