बीजिंग। चीन पर कुल कर्ज पिछले साल उसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के दुगने से ज्यादा था। एक सरकारी अर्थशास्त्री ने राज्य और उद्योगों के बीच ऋण संबंधों को लेकर चेतावनी दी है कि यह विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक हो सकता है।
सरकार ने आर्थिक वृद्धि को तेजी प्रदान करने के लिए कर्ज को और सस्ता करने की नीति अपनाई है। इससे
अर्थवयस्था में कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। सरकार के शीर्ष शोध केंद्र चाइना एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के एक वरिष्ठ शोधार्थी ली यांग ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पिछले साल के अंत तक चीन का कुल कर्ज 1,68,480 अरब युआन (25,600 अरब डॉलर) पर पहुंच गया है, जो जीडीपी के 249 फीसदी के बराबर है।
अमेरिका का भारत, चीन तथा मेक्सिको से व्यापार घाटा काफी ऊंचा
अमेरिका का भारत, चीन और मेक्सिको जैसे देशों के साथ व्यापार घाटा काफी ऊंचा है। रिपब्लिकन पार्टी के संभावित राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया कि सामान्य तौर पर जो भी देश अमेरिका के साथ व्यापार करता है वह उसे नुकसान पहुंचाने का प्रयास करता है।
ट्रंप ने अटलांटा, जार्जिया में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, लोग थक चुके हैं। वे ताकत चाहते हैं। वे ऐसा व्यापार करार नहीं चाहते जहां चीन का व्यापार घाटा सालाना 505 अरब डॉलर का हो। हमारा मेक्सिको, जापान, वियतनाम, भारत और हर जगह भारी व्यापार घाटा है। ट्रंप ने कहा, मेरा मतलब है कि व्यावहारिक तौर पर अमेरिका के साथ व्यापार करने वाला प्रत्येक देश उसे नुकसान पहुंचाना चाहता है। यदि मैं जीता तो वे दिन समाप्त हो जाएंगे।
Latest Business News