बीजिंग। चीन का विदेशी मुद्रा भंडार नवंबर में तीन साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। विश्लेषकों के अनुसार यूआन के एक्सचेंज रेट में गिरावट की आशंका से रिकॉर्ड पूंजी आउटफ्लो के कारण मुद्रा भंडार घटा है। स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेन एक्सचेंज (एसएएफई) के आंकड़ों के अनुसार देश का विदेशी मुद्रा भंडार नवंबर में अक्टूबर के मुकाबले 87.2 अरब डॉलर घटकर 3440 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
फरवरी 2013 के बाद यह सबसे न्यूनतम स्तर है। उस समय विदेशी मुद्रा भंडार 3400 अरब डॉलर था। कुल मिलाकर इस साल अबतक विदेशी मुद्रा भंडार में 404.7 अरब डॉलर की कमी आ चुकी है। विश्लेषकों के अनुसार यूआन का एक्सचेंज रेट कम होने की आशंका बढ़ने से विदेशी पूंजी का आउटफ्लो बढ़ गया है।
चीन के लिए भारी संभावनाओं वाला देश है भारत
भारत में चीनी दूतावास की एक अधिकारी ने कहा कि भारत, चीन के लिए भारी संभावनाओं वाला देश है और दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग की काफी संभावनाएं हैं। भारत में चीनी दूतावास में द्वितीय सचिव ली रोंग रोंग ने कहा कि भारत-चीन के लिए भारी संभावना वाला देश है एवं अधिक संख्या में चीन की कंपनियां भारत आ रही हैं। रोंग ने कहा कि वर्ष 2013 में चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार बन गया। इस साल भारत की वृद्धि दर दुनिया में सबसे तेज है। चीन और भारत के बीच सहयोग की जबरदस्त संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि हम दोनों पक्षों (भारत और चीन) पर विभिन्न क्षेत्रों खासकर पेट्रोरसायन और पाइप उपकरण के क्षेत्र में सहयोग पर बल देंगे।
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