वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चीन पर बढ़ते कर्ज को लेकर चिंता जताई है। अर्थव्यवस्था के मुकाबले यह एक दशक से भी कम समय में दोगुना हो गया है। हालांकि, चीन अभी भी वैश्विक वृद्धि में प्रमुख योगदानकर्ता देश बना हुआ है।
आईएमएफ के मौद्रिक और पूंजी बाजार विभाग के वित्तीय सलाहकार और निदेशक तोबियास एड्रियान ने कहा, चीन वैश्विक वृद्धि में प्रमुख योगदाकर्ता बना हुआ है लेकिन उसकी स्थिति नाजुक भी हुई है। एक दशक से भी कम समय में चीन की अर्थव्यवस्था की तुलना में ऋण दोगुना से अधिक हो गया। कर्ज में यह उछाल खतरनाक हो सकता है।
वैश्विक स्थिरता रिपोर्ट, 2017 जारी करते हुए उन्होंने कहा, यह उछाल बना रहता है और कर्ज में आगे भी अच्छी वृद्धि होती है तो यह और ज्यादा खतरनाक होगा। हालांकि, एड्रियान ने रेखांकित किया कि चीनी प्राधिकारण लगातार बैंकों की वृद्धि को सीमित करने के लिए नीतियों को समायोजित कर रहा है। लेकिन उन्हेंने जोर देकर कहा कि स्थिति को ठीक करने के लिए अभी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।
भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 7.2 प्रतिशत किया
आईएमएफ ने वर्ष 2017 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को 0.4 प्रतिशत घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है। आईएमएफ का कहना है कि उसने नोटबंदी के प्रभाव की वजह से वृद्धि दर के अनुमान को कम किया है। हालांकि, उसने 2017 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर का अनुमान उम्मीद से कुछ ऊंचा यानी 3.5 प्रतिशत रखा है। आईएमएफ का कहना है कि वृद्धि के इन संकेेतों के बावजूद इस साल कई ऐसे देश रहेंगे जो संघर्ष करेंगे।
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