महामारी से उबरने के बाद वैश्विक मांग बढ़ने से चीन का व्यापार बढ़ा, विशेषज्ञों का लग रहा है सब नाटकीय
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन के व्यापार में होने वाली वृद्धि खासतौर से पिछले साल के मुकाबले जब वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं कोरोना वायरस संक्रमण से मुकाबला करते हुए बंद पड़ी थी, नाटकीय लगती है।
बीजिंग। चीन का व्यापार अप्रैल माह में अमेरिका और शेष दुनिया के साथ दहाई अंक में बढ़ा है। इस दौरान दुनिया के देशों में उपभोक्ता मांग बढ़ने से व्यापार बढ़ा है हालांकि, चीन के व्यापार में वृद्धि की गति कुछ धीमी पड़ती दिख रही है। सीमा शुल्क विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वैश्विक निर्यात कारोबार अप्रैल माह में एक साल पहले के मुकाबले 32.3 प्रतिशत बढ़कर 263.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया। निर्यात का यह प्रदर्शन मार्च महीने के अनुरूप ही है लेकिन यह 2021 के पहले दो महीनों में हासिल की गई 60.6 प्रतिशत की धमाकेदार वृद्धि के मुकाबले कम है।
आलोच्य माह के दौरान आयात 43.1 प्रतिशत बढ़कर 221.1 अरब डॉलर रहा। एक महीना पहले की तुलना में इसमें 38.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन के व्यापार में होने वाली वृद्धि खासतौर से पिछले साल के मुकाबले जब वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं कोरोना वायरस संक्रमण से मुकाबला करते हुए बंद पड़ी थी, नाटकीय लगती है। भविष्य का अनुमान व्यक्त करने वालों का कहना है कि मौसमी उतार-चढ़ाव और उस गड़बड़ी को संज्ञान में लेने के बाद यह वृद्धि स्थिर होती दिख रही है। प्रिटचार्ड ऑफ कैपिटल इकोनॉमिक्स के जुलियन इवांस ने एक रिपोर्ट में कहा कि अप्रैल के आंकड़ों में वृद्धि के बावजूद निर्यात कारोबार अपने स्तर पर पहुंच गया लगता है और आयात में भी उछाल रुक गया है।
कोविड-19 टीके के पेटेंट को लेकर छूट के प्रस्ताव पर चीन का सकारात्मक रुख
विभिन्न देशों में कोविड-19 रोधी टीके भेजकर अपना वर्चस्व कायम करने का प्रयास कर रहे चीन ने महामारी के दौरान पेटेंट संबंधी नियमों में अस्थायी छूट को लेकर डब्ल्यूटीओ के समक्ष भारत और दक्षिण अफ्रीका के प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख दिखाया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि महामारी से लड़ने के लिए सभी देश जिम्मेदार हैं और सभी के पास टीकों की समान पहुंच है। कोरोना वायरस टीकों के लिए बौद्विक संपदा अधिकार (आईपीआर) नियमों में छूट के प्रस्ताव पर सवाल वेनबिन से सवाल पूछे गए।
उन्होंने कहा कि चीन टीके की पहुंच के मुद्दे का समर्थन करता है और आशा करता है कि सभी पक्ष सक्रियता से और सार्थक तरीके से विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के प्रारूप के तहत चर्चा करेंगे और प्रभावी तथा संतुलित नतीजे पर पहुंचेंगे। क्या चीन अपने टीकों के पेटेंट का अधिकार देगा, इस सवाल पर वांग ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। पिछले साल दो अक्टूबर को विश्व व्यापार संगठन को एक पत्र में भारत और दक्षिण अफ्रीका ने कोविड-19 टीकों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार के कारोबारी संबंधी पहलुओं (टीआरआईपीएस) में छूट का आह्वान किया था ताकि विकासशील देशों की जीवनरक्षक टीकों और दवाओं तक जल्द से जल्द पहुंच बन सके।
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