अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा स्टील और एल्युमीनियम पर आयात शुल्क लगाने पर चीन ने की भर्त्सना, दूसरे देशों ने भी जताया ऐतराज
चीन ने अमेरिका द्वारा इस्पात और एल्युमीनियम पर आयात शुल्क लगाये जाने की भर्त्सना करते हुये कहा है कि इस तरह के कदमों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार परिवेश को गंभीर नुकसान होगा।
बीजिंग। चीन ने अमेरिका द्वारा इस्पात और एल्युमीनियम पर आयात शुल्क लगाये जाने की भर्त्सना करते हुये कहा है कि इस तरह के कदमों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार परिवेश को गंभीर नुकसान होगा। चीन के वाणिज्य मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी वक्तव्य में कहा गया है कि चीन इसका कड़ा विरोध करता है। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर इस तरह के कदम उठाने से सामान्य अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली पर गंभीर असर होगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील आयात पर 25 प्रतिशत और एल्युमीनियम आयात पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाने के आदेश पर गुरुवार को हस्ताक्षर कर दिए।
ऐसा करते हुए ट्रंप ने दशकों पुराने और बहुत कम इस्तेमाल में लाए गए अमेरिकी व्यापार कानून के राष्ट्रीय सुरक्षा अनुच्छेद का इस्तेमाल किया है। ट्रंप ने कहा कि यह शुल्क 15 दिन बाद अमल में आयेंगे और शुरुआत में यह कनाडा और मैक्सिको पर लागू नहीं होंगे।
अमेरिका के इस कदम से उसके प्रमुख व्यापारिक भागीदार यूरोपीय संघ, बाजील, जापान, चीन से विरोध के स्वर उठ रहे हैं। चीन और दूसरी आर्थिक शक्तियों की तरफ से इसके खिलाफ कदम उठाए जाने की आशंका है। ब्रिटेन ने भी व्यापार मुद्दों को सुलझाने के लिए अमेरिका के इस कदम को गलत तरीका करार दिया है।
जापान ने अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्क पर खेद जताया है और कहा है इसके गंभीर प्रभाव होंगे। उसने कहा है कि इस्पात और एल्युमीनियम पर भारी आयात शुल्क लगाये जाने से दोनों के बीच व्यापार संबंधों पर बुरा असर होगा। जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो ने अमेरिका के इस कदम को खेदजनक बताते हुए कहा कि इन उपायों का जापान और अमेरिका के आर्थिक संबंधों पर गंभीर प्रभाव होगा। साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था भी इससे प्रभावित होगी।
यूरोपीय संघ ने कहा है कि अमेरिका को उसे इस शुल्क से अलग रखना चाहिए। यूरोपीय संघ के शीर्ष व्यापार अधिकारियों ने इस पर जोर देते हुए कहा कि ब्रुसेल्स इस बारे में वाशिंगटन से तुरंत स्पष्टीकरण चाहेगा। यूरोपीय संघ व्यापार आयुक्त सेसिलिया माल्मस्ट्रोएम ने ट्वीटर पर लिखा है कि यूरोपीय संघ अमेरिका का करीबी व्यापार भागीदार है, इसलिए हमारा मानना है कि उसे इन उपायों से मुक्त रखा जाना चाहिए।
हालांकि, ब्रुसेल्स ने इस्पात और एल्यूमीनियम आयात पर अमेरिका में शुल्क लगाए जाने के जवाब में प्रमुख अमेरिकी उत्पादों की सूची तैयार कर ली है जिन पर वह जवाबी शुल्क लगा सकता है। यूरोपीय संघ का मानना है कि यदि अमेरिकी शुल्क से उसका निर्यात प्रभावित होता है तो वह भी जवाबी कदम उठायेगा।
उधर, ब्रिटेन के व्यापार मंत्री लियाम फॉक्स ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की स्टील और एल्युमीनियम पर आयात शुल्क लगाने संबंधी घोषणा की आलोचना करते हुए कहा कि व्यापार विवादों को सुलझाने का यह ‘‘गलत तरीका’’ है।