नई दिल्ली। चीन ने देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। रविवार को चीन के प्रधानमंत्री ली क्यांग की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश में विदेशी निवेश (FDI) के नियमों को बेहद आसान कर दिया गया है। इस कदम के बाद सुस्ती का सामना कर रही दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को प्रोत्साहन मिल सकेगा। वहीं, इसे भारत के लिए फिर से चुनौतियां बढ़ सकती है।
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चीन के प्रधानमंत्री ने दी नए नियमों को मंजूरी
प्रधानमंत्री ली क्यांग की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कुछ संवेदनशील उद्योगों को छोड़कर एफडीआई के लिए अब सिर्फ पंजीकरण की जरूरत होगी, प्रशासनिक मंजूरी की नहीं।
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अब कंपनियों को मिलेगा फायदा
- चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के अनुसार इस नई प्रणाली के कामकाज के बारे में वाणिज्य मंत्रालय ऑनलाइन ब्योरा जारी करेगी।
- विदेशी कंपनियां ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगी और उन्हें इस पर तीन दिन के अंदर जवाब मिलेगा।
भारत के लिए बढ़ेगा कंपीटिशन
- भारत सरकार भी देश में प्रत्यक्ष विदेश निवेश को बढ़ाने की कवायद में जोरशोर से जुटी हुई है।
- पीएम मोदी के विदेशी दौरों और अर्थव्यवस्था के गतिशील होने की वजह से FDI फ्लो भी बढ़ा है।
- चीन के इस कदम को एशिया में FDI को लेकर कंपीटिशन बढ़ने के रूप में देखा जा सकता है।
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