बीजिंग। चीन ने अपना सैन्य खर्च 7 प्रतिशत बढ़ाकर 152 अरब डॉलर कर दिया है। यह भारत के रक्षा बजट के मुकाबले तीन गुना अधिक है। दूसरी ओर चीन ने लंबे समय से चली आ रही अपनी मुद्रा विनिमय नीति में बदलाव का संकेत दिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार युद्ध की चेतावनी को देखते हुए चीन ने अपनी मुद्रा को डॉलर के समक्ष उदार बनाने की दिशा पहल की अपनी मंशा जाहिर की है।
चीन ने बढ़ाया रक्षा बजट
चीन ने रक्षा बजट 7 फीसदी बढ़ा दिया है। हालांकि, चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने संसद में पेश कार्य रिपोर्ट में रक्षा व्यय के बारे में आंकड़ा नहीं दिया था लेकिन सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने सोमवार को घोषणा की कि इस साल का रक्षा बजट 1,040 अरब यूआन (152 अरब डॉलर) होगा।
शिन्हुआ ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से कहा कि 2017 में चीन का रक्षा बजट 2016 के वास्तविक खर्च के मुकाबले 7 प्रतिशत अधिक होगा। यह पहला मौका है जब चीन का सैन्य खर्च 1,000 अरब यूआन के पार निकल गया है। इससे पिछले साल चीन का सैन्य खर्च 954.35 अरब युआन रहा। 2015 के मुकाबले इसमें 7.6 प्रतिशत की वृद्धि रही। भारत का रक्षा बजट 53.5 अरब डॉलर है।
मुद्रा नीति में चीन करेगा बदलाव
- हांग कांग से निकलने वाले चाइना मानिग पोस्ट ने एक रिपोर्ट में कहा कि पहली बार वार्षिक सरकारी रिपोर्ट में चीन ने पहली बार युआन के बारे में एक स्थिर वैश्विक दर्जा दिलाने को अपना प्रमुख कार्य बताया है।
- इससे पहले चीन चीन एक तार्किक और संतुलित सतर पर युआन को स्थिर रखने की बात करता रहा है।
- इस बार की सालाना सरकारी रिपोर्ट में यह पंक्ति नहीं है।
चीन की संसद, दि नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) में पेश अपनी लंबी रिपोर्ट में चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने कहा, रेनिंबी की विनिमय दर को और उदार बनाया जाएगा और वैश्विक मौद्रिक प्रणाली में मुद्रा की स्थिर स्थिति को बनाए रखा जाएगा।
पत्र की रिपोर्ट के अनुसार वार्षिक रिपोर्ट में जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया है उससे लगता है कि बीजिंग अमेरिकी डॉलर के समक्ष युआन की विनिमय दर को लेकर उदारता बरतेगा और वर्ष के दौरान विदेशी मुद्रा विनिमय दर में अपना हस्तक्षेप धीरे धीरे कम करेगा।
- अमेरिका की राष्ट्रपति डानोल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान और उसके बाद चीन के खिलाफ इस मामले में कड़े वक्तव्य दिए हैं।
- ट्रंप ने चीन को मुद्रा विनिमय दर के मामले में साठगांठ करने वाला देश बताया।
- ऐसा कर वह निर्यात से अनुचित लाभ उठाता है।
- ट्रंप ने इस स्थिति का सामना करने के लिए चीन के माल पर शुल्क लगाने तक की धमकी दी है।
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