What an Idea: इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए चीन ने उठाया बड़ा कदम, वन-चाइल्ड पॉलिसी हुई खत्म
चीन ने आर्थिक मंदी से लड़ाई का नायाब तरीका निकाला है। चीन ने अपनी विवादास्पद वन-चाइल्ड पॉलिसी को खत्म करने की घोषणा की है।
बीजिंग। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले चीन ने आर्थिक मंदी से लड़ाई का नायाब तरीका निकाला है। चीन ने अपनी विवादास्पद वन-चाइल्ड पॉलिसी को खत्म करने की घोषणा की है। चीन ने गुरुवार को वन-चाइल्ड पॉलिसी को खत्म कर सभी के लिए दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दे दी है। आर्थिक मंदी से निपटने और अगली पंच वर्षीय योजना बनाने के लिए इस हफ्ते मंगलवार से सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की टॉप पॉलिसी बॉडी की बैठक शुरू हुई थी। इस बैठक के तीसरे दिन कम्युनिस्ट पार्टी ने वन-चाइल्ड पॉलिसी को खत्म करने की घोषणा की। सरकार का मानना है कि इस पॉलिसी के खत्म होने से चीन की इकोनॉमी को बूस्ट मिलेगा।
पॉलिसी खत्म करने की वजह
चीन में सालों से वन-चाइल्ड पॉलिसी लागू होने से चीन की जनसंख्या, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है, में तेजी से वृद्धों की संख्या बढ़ रही है, लिंग असंतुलन गंभीर हो गया है और वहां कामगारों की संख्या घट रही है। इसके अलावा इकोनॉमी में नई डिमांड जनरेट करने के उद्देश्य से भी सरकार ने इस पॉलिसी को खत्म करने का फैसला किया है। Economic Slowdown: मंदी गहराने की आशंका, चीन की जीडीपी ग्रोथ 6 साल में सबसे कम
2020 तक जीडीपी डबल करने का लक्ष्य
कम्युनिस्ट पार्टी का लक्ष्य चीन की 2010 में जीडीपी के स्तर को 2020 तक डबल करने का है। लेकिन चीन की इकोनॉमिक ग्रोथ पिछले कुछ सालों से धीमी पड़ गई है और विश्लेषकों का कहना है कि देश में मध्यम वर्गीय परिवारों की वृद्धि में स्थिरता आ चुकी है और इसे बढ़ाने के लिए सरकार को अपनी पॉलिसी में बदलाव करने चाहिए।
ग्रोथ लक्ष्य में हो सकती है और कटौती
चीन अपनी अगली पंचवर्षीय योजना में जीडीपी ग्रोथ के लक्ष्य को 7 फीसदी से घटाकर 6.5 फीसदी कर सकता है। चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने कहा है कि इस साल देश की जीडीपी 7 फीसदी की दर से बढ़ने की संभावना नहीं है। पिछले हफ्ते जारी आंकड़ों में चीन की जीडीपी दर 2009 के बाद सबसे कम दर्ज की गई। तीसरी तिमाही में चीन की जीडीपी महज 6.9 फीसदी की दर से बढ़ी है, जो कि छह साल में सबसे कम है।
चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर मूडीज ने जताई चिंता
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंताएं अभी तक बरकरार है। एजेंसी के मुताबिक चीन का एक्सपोर्ट लगातार गिर रहा है। इसके कारण इंडस्ट्री और बड़े कॉर्पोरेट्स पर लोन बढ़ते जा रहे हैं। वहीं कई बड़ी कंपनियां दिवालिया होने की कगार पर खड़ी है। खराब आर्थिक आंकड़ों के बाद चीन अगर राहत पैकेज भी देता है, तो उसका असर लंबे समय के बाद दिखेगा।