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Hindi News पैसा बिज़नेस दिल्ली में पूरा होगा अपने घर का सपना, मोदी सरकार जल्द दे सकती हैं बड़े बदलावों को मंजूरी

दिल्ली में पूरा होगा अपने घर का सपना, मोदी सरकार जल्द दे सकती हैं बड़े बदलावों को मंजूरी

दिल्ली की 1731 अनधिकृत कालोनियों में मालिकाना हक देने की शुरुआत डीडीए करीब डेढ़ साल पहले ही कर चुका है, लेकिन इन कालोनियों में विकास कार्यों की शुरुआत अभी भी अटकी हुई हैं।

<p>दिल्ली में नये...- India TV Paisa Image Source : PTI दिल्ली में नये आवासों के लिये रास्ता होगा साफ

नई दिल्ली। मोदी सरकार जल्द दिल्ली वासियों को उनके घर का तोहफा दे सकती हैं। दिल्ली में सभी को आवास उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने दिल्ली डेवलपमेंट एक्ट 1957 में बदलाव करने का निर्णय लिया है। साथ ही बदलावों को स्वीकृति के लिए केंद्रीय शहरी विकास विकास मंत्रालय को भी भेज दिया गया है। संभावना है कि केंद्र सरकार इसे संसद के इसी मानसून सत्र में पास कर सकती है। नये बदलावों का मकसद लैंड पूलिंग को और आसान बनाना है। 

एक्ट में बदलाव का प्रस्ताव तैयार

दिल्ली की 1731 अनधिकृत कालोनियों में मालिकाना हक देने की शुरुआत डीडीए करीब डेढ़ साल पहले ही कर चुका है, लेकिन इन कालोनियों में विकास कार्यों की शुरुआत अभी भी अटकी हुई हैं। दरअसल, विकास कार्यों में कई कानूनी अड़चनें पेश आ रही हैं। इन समस्याओं को देखते हुए दिल्ली विकास प्राधिकरण ने एक्ट में बदलाव का प्रस्ताव तैयार किया है, जिस पर केंद्र सरकार की मुहर लगना बाकी है। 2018 में अधिसूचित इस पालिसी में 95 गांवों को शामिल किया गया है, जहां अगले 20 साल में 17 लाख आवास बनाए जाने हैं। लेकिन यहां भी डीडीए अधिकारी पालिसी को क्रियान्वित करने के लिए न्यूनतम जमीन के आंकड़े तक नहीं पहुंच पा रहे। दरअसल एक तो लैंड पार्सल पूल नहीं किए जा सकते। दूसरे, स्टांप डयूटी को लेकर भी दिक्कतें आ रही हैं। पॉलिसी के तहत जमीन का ट्रांसफर जमीन के मालिक और उसे विकसित करने वाले के बीच दो- दो बार हो रहा है। ऐसे में स्टांप डयूटी भी दो दो बार ही देनी पड़ रही है जिससे जमीन की कीमत में बढ़त देखने को मिल रही है।

दिल्ली विकास को गति देने के लिए बदलेंगे कई प्रविधान

डीडीए के अधिकारियों के मुताबिक इस पालिसी पर आगे बढ़ने के लिए पहले किसानों को अपनी जमीन का कंर्सोटियम बनाना होगा और फिर अपने लैंड पार्सल को पूल करना होगा।इसके बाद ही उस जमीन पर आवासीय इकाइयां बनाने की योजना तैयार होगी और 60 फीसद जमीन उसके मालिकों को वापस की जाएगी। लेकिन इस सबके लिए छह दशक पुराने एक्ट में बदलाव करना अब जरूरी हो गया है। इस बदलाव के बाद डीडीए की भूमिका भी बदलेगी। वह दिल्ली के विकास की सिर्फ प्लानिंग करेगा और विकास कार्यों में निजी एजेंसियों को सहायता करेगा।

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