नई दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) विशाल सिक्का को वित्त वर्ष 2016-17 में 66.8 लाख डॉलर (करीब 43 करोड़ रुपए) वेतन मिला है। हालांकि, यह राशि उनके कुल वेतन पैकेज से 39 प्रतिशत कम है। उल्लेखनीय है कि इंफोसिस के संस्थापकों ने कंपनी प्रबंधन को लेकर चिंता के जो मुद्दे उठाए हैं उनमें सिक्का का ऊंचा वेतन भी एक मुद्दा रहा है।
सिक्का को समाप्त वित्त वर्ष के लिए 1.1 करोड़ डॉलर वेतन देने का वादा किया गया था। इसमें मूल वेतन, वेतनोत्तर राशि, प्रतिबंधित शेयर यूनिट और वर्ष के दौरान शेयर विकल्प प्रदर्शन भी शामिल है।
बहरहाल 2016-17 में सिक्का ने जो वेतन लिया है वह उन्हें इससे पिछले साल मिले कुल वेतन से भी कम है। पिछले साल सिक्का ने 48.73 करोड़ रुपए का वेतन लिया था। कंपनी के वित्तीय बयान के मुताबिक सिक्का को वेतनोत्तर सुविधा राशि में 80 लाख डॉलर देने का वादा किया गया था, लेकिन उन्हें इसमें 36.8 लाख डॉलर ही प्राप्त हुए। सिक्का भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग में सबसे अधिक वेतन पाने वाले कार्यकारियों में शामिल हैं।
पिछले वित्त वर्ष में उनका वेतन 70.8 लाख डॉलर से बढ़ाकर 1.10 करोड़ डॉलर कर दिया गया था। यह वेतन वृद्धि अप्रैल 2016 से लागू हुई है। सिक्का के वेतन को लेकर इंफोसिस के संस्थापक सदस्य आवाज उठाते रहे हैं। नारायण मूर्ति समेत कंपनी के अन्य संस्थापक इस वेतन को लेकर खुश नहीं थे।
1.1 करोड़ डॉलर के पैकेज में मूल वेतन 10 लाख डॉलर और 20 लाख डॉलर मूल्य के शेयर प्रति वर्ष के अलावा 30 लाख डॉलर का वेतनोत्तर भुगतान शामिल है। कुछ निश्चित प्रदर्शन लक्ष्य पूरा करने पर सिक्का 50 लाख डॉलर मूल्य के प्रदर्शन आधारित शेयर और स्टॉक विकल्प के भी पात्र हैं। इंफोसिस ने कहा कि बोर्ड ने नोमीनेशन कमेटी की सिफारिश पर 13 अप्रैल 2017 को वित्त वर्ष 2016-17 के लिए सीईओ को 8.2 लाख डॉलर का वेतनोत्तर भुगतान को मंजूरी दी है।
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