Startup india: सरकार करेगी स्टार्टअप्स की पूरी मदद, आसान होंगे नियम और टैक्स प्रणाली भी होगी सरल
अरुण जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार स्टार्टअप्स के लिए एक सहायक के तौर पर काम करेगी और उनके लिए आसान ऋण उपलब्धता और सरल टैक्स व्यवस्था बनाएगी।
नई दिल्ली। स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम की घोषणा करते हुए शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार आंत्रप्रेन्योर्स और स्टार्टअप्स के लिए एक सहायक के तौर पर काम करेगी और उनके लिए आसान ऋण उपलब्धता और सरल टैक्स व्यवस्था के साथ आसान नियम बनाएगी। उन्होंने कहा कि अगले महीने पेश होने वाले आम बजट में स्टार्टअप्स के लिए एक अनुकूल टैक्स प्रणाली की घोषणा की जाएगी, जिससे देश में स्टार्टअप्स स्थापित करने को प्रोत्साहन मिलेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार स्टार्टअप्स के लिए आसान रजिस्ट्रेशन, अनुपालन व निकासी के नियम, एक अनुकूल टैक्स व्यवस्था और मजबूत इनक्यूबेशन नेटवर्क तैयार करेगी। जेटली ने कहा कि सरकार ने पहले ही बिजनेस फ्रेंडली टैक्स प्रणाली पर काम किया है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन की जरूरत को पहचानते हुए पिछले साल बजट में एक फंड बनाने का सुझाव दिया गया था। जेटली ने स्टार्टअप्स को आश्वस्त किया कि बैंकिंग प्रणाली और सरकार दोनों ही उनके लिए संसाधन उपलब्ध कराएंगे।
स्टार्टअप्स के अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार स्टैंड अप इंडिया योजना पेश करेगी, जिसके तहत बैंकों की शाखाएं अनुसूचित जाति-जनजाति एवं महिला उद्यमियों को ऋण देंगी। उन्होंने कहा स्टैंडअप इंडिया को अलग से पेश किया जाएगा। यह एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसके तहत महिला उद्यमियों और अनुसूचित जाति-जनजाति के उद्यमियों के लिए बैंकों के ऋण दिए जाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि हर बैंक की शाखा, सार्वजनिक क्षेत्र हो या निजी क्षेत्र, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग की एक और महिला वर्ग की एक स्टार्टअप इकाई को अपनाएगी। इसलिए वे दो ऐसे उद्यमियों को अपनाएंगे और उन्हें प्रतिष्ठान स्थापित करने के लिए वित्तीय मदद देंगे। उन्होंने कहा कि इस वर्ग के कारोबारी या मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट को वित्तीय मदद से अगले दो साल में 3 लाख से अधिक नए उद्यमी तैयार होंगे।
भारत में 10 अरब डॉलर का निवेश करेगा सॉफ्टबैंक
स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल जापान के सॉफ्टबैंक ग्रुप के मुख्य कार्यकारी मासायोशी सोन ने कहा कि भारतीय कंपनी में अभी तक दो अरब डॉलर का निवेश किया जा चुका है और इसे बढ़ाकर 10 अरब डॉलर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले दस सालों तक भारत की आर्थिक वृद्धि दर चीन से ज्यादा रहेगी और 21वीं सदी भारत की है। उन्होंने आगे कहा कि हर बाजार अलग है, मुझे वाकई लगता है कि यह भारत के लिए बहुत बड़ी शुरुआत है। उन्होंने कहा कि मोबाइल इंटरनेट भी भारत में बहुत धीमा है, बेहतर मोबाइल ब्रॉडबैंक के लिए ज्यादा स्पेक्ट्रम आवंटन की जरूरत है।