नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान अगले सप्ताह दोनों सदनों में अटके पड़े विधेयकों को आगे बढ़ाने की योजना बनाई है। इस मकसद से सरकार ने जीएसटी एवं रियल एस्टेट जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों को विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है। सरकार की अगले सप्ताह लोकसभा में छह और राज्यसभा में सात विधेयकों को पारित कराने की योजना है। इनमें से दो विधेयक पहले से ही निचले सदन में और तीन विधेयक उच्च सदन में सूचीबद्ध हैं।
सरकार का मुख्य जोर महत्वपूर्ण जीएसटी विधेयक को पारित कराने पर होगा। इसे आधिकारिक रूप से संविधान के 122वें संशोधन विधेयक के रूप में जाना जाता है। इस विधेयक को लोकसभा पारित कर चुकी है। सरकार की योजना अगले साल अप्रैल से जीएसटी को लागू करने की है। अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों में भ्रष्टाचार निरोधक संशोधन विधेयक शामिल है, जिसपर राज्यसभा में शुक्रवार को चर्चा हो चुकी है। राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति ने जीएसटी विधेयक के लिए चार घंटे और रियल स्टेट विधेयक के लिए दो घंटे का समय आवंटित किया है।
सदन की प्रवर समिति इन दोनों विधेयकों पर पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है। लोकसभा के विधायी कार्यों के एजेंडे में उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय न्यायाधीश वेतन एवं सेवा शर्तें संशोधन विधेयक 2015, मध्यस्थता और सुलह संशोधन विधेयक 2015, बोनस भुगतान संशोधन विधेयक और इंडियन ट्रस्ट संशोधन विधेयक 2015 पर विचार और उसे पारित किया जाना शामिल है।
राज्यसभा में भ्रष्टाचार निरोधक संशोधन विधेयक 2013, लिखित परक्राम्य संशोधन विधेयक 2015 और व्सि्लब्लोअर्स संरक्षण संशोधन विधेयक 2015 को भी लिए जाने की योजना है, जो लोकसभा में पारित हो चुके हैं। इसमें से पहला विधेयक शुक्रवार को राज्यसभा में लिया गया था, जिस पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी एवं अन्य ने सावधानी बरतने की वकालत की थी। व्सि्लब्लोअर्स संरक्षण विधेयक भी शुक्रवार को सूचीबद्ध था, लेकिन इसे नहीं लिया जा सका था।
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