नई दिल्ली। केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कहा है कि केंद्र सरकार को अब माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कमी की भरपाई को ऋण की मात्रा के मुद्दे को हल करने के लिए पहल करनी चाहिए। इसाक ने सोमवार को ट्वीट किया कि राजस्व में कमी की भरपाई के लिए कौन कर्ज लेगा, यह मुद्दा आधा हल हो चुका है। केंद्र को अब शेष मुद्दे का समाधान करना चाहिए कि कितना कर्ज लेना है।
केंद्र ने पिछले सप्ताह विपक्ष शासित राज्यों की मांग को मानते हुए जीएसटी मुआवजे में कमी की भरपाई के लिए कर्ज लेने का फैसला लिया था। वित्त मंत्रालय ने कहा था कि केंद्र राज्यों को जीएसटी मुआवजे में 1.1 लाख करोड़ रुपए की भरपाई के लिए कर्ज लेगा। मंत्रालय ने कहा था कि यह व्यवस्था केंद्र के राजकोषीय घाटे में नहीं दिखाई देगी। इसे राज्य सरकारों की पूंजीगत प्राप्तियों के रूप में दिखाया जाएगा। हालांकि, केरल चाहता है कि केंद्र जीएसटी मुआवजे 1.83 लाख करोड़ रुपए की कुल कमी के लिए कर्ज ले। इसमें से 1.10 लाख करोड़ रुपए की कमी जीएसटी के क्रियान्वयन और 73,000 करोड़ रुपए की कमी कोविड-19 महामारी की वजह से हुई है।
इसाक ने कहा कि अधिक कर्ज से केंद्र का राजकोषीय घाटा प्रभावित नहीं होगा। केंद्र ने अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिए थे। इनमें से एक विकल्प जीएसटी क्रियान्वयन की वजह से आई कमी के लिए 97,000 करोड़ कर्ज लेना है। इसके लिए रिजर्व बैंक द्वारा विशेष सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। दूसरा विकल्प राजस्व में पूरी 2.35 लाख करोड़ रुपए की कमी के लिए बाजार से कर्ज लेना है। इसमें कोविड-19 की वजह से राजस्व में आई 1.38 लाख करोड़ रुपए की गिरावट को भी जोड़ा गया था। हालांकि, बाद में इन विकल्पों को संशोधित कर 1.10 लाख करोड़ रुपए और 1.8 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया था।
Latest Business News