सरकार ने प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) किया खत्म, घरेलू बाजार में कीमतें रहेंगी स्थिर
केंद्र सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) को खत्म करने की घोषणा की है।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) को खत्म करने की घोषणा की है। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा है कि प्याज के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य को अगले आदेश तक खत्म कर दिया गया है और प्याज की सभी किस्मों को अब बिना न्यूनतम निर्यात मूल्य के निर्यात किया जा सकता है। सरकार के इस कदम से घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों में ज्यादा गिरावट नहीं आएगी। फिलहाल प्याज का खुदरा भाव 40 से 50 रुपए प्रति किलो के बीच बना हुआ है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने भी एक ट्वीट में कहा कि न्यूनतम निर्यात मूल्य को हटा लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्याज की सभी किस्मों का अब निर्यात हो सकता है। हम कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सभी कदम उठा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि एमईपी को खत्म करना प्याज की कीमतों में उतार-चढ़ावा को रोकने की दिशा में पहला कदम है।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को पेश हुए अपने आम बजट में घोषणा की थी वह प्याज, आलू और टमाटर की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए ग्रीन ऑपरेशंस लॉन्च करेगी। किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने इस योजना के लिए वित्त वर्ष 2018-19 हेतु 500 करोड़ रुपए का आवंटन भी किया है।
24 दिसंबर 2015 से दो साल तक प्याज पर कोई एमईपी नहीं था। हालांकि सरकार ने पिछले साल 23 नवंबर को प्याज पर 850 डॉलर प्रति टन का एमईपी लगाया था। इसके बाद 19 जनवरी को सरकार ने प्याज पर एमईपी को घटाकर 700 डॉलर प्रति टन कर दिया था।
कृषि मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ हाल ही में हुई बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया था कि अगर प्याज का औसत थोक मूल्य 2000 रुपए प्रति क्विंटल से नीचे आ जाता है तो प्याज पर एमईपी को खत्म कर दिया जाएगा। अब थोक प्याज की औसत कीमत घटकर 1500 रुपए प्रति क्विंटल रह गई है इसलिए तत्काल प्याज पर एमईपी को खत्म करने का फैसला लिया गया है।