A
Hindi News पैसा बिज़नेस चालकों के संगठन ने कहा, 30,000 ड्राइवरों का जीवनयापन संकट में

चालकों के संगठन ने कहा, 30,000 ड्राइवरों का जीवनयापन संकट में

वाहन चालकों की यूनियन ने कहा है कि SC द्वारा दिल्ली-NCRर में डीजल टैक्सियों पर प्रतिबंध से 30,000 ड्राइवरों व उनके परिवार पर जीवनयापन का संकट मंडरा रहा है।

टैक्‍सी ड्राइवरों के संगठन ने बैन हटाने का किया आग्रह, 30,000 चालकों का जीवनयापन संकट में- India TV Paisa टैक्‍सी ड्राइवरों के संगठन ने बैन हटाने का किया आग्रह, 30,000 चालकों का जीवनयापन संकट में

नई दिल्ली। वाहन चालकों की यूनियन ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली-NCR में डीजल टैक्सियों पर प्रतिबंध से 30,000 ड्राइवरों व उनके परिवार पर जीवनयापन का संकट मंडरा रहा है। शीर्ष अदालत ने डीजल कैब्स को सीएनजी टैक्सियों में बदलने के लिए 30 अप्रैल तक का समय दिया था।

करीब एक हजार ड्राइवरों का प्रतिनिधित्व करने वाली दिल्ली कमर्शियल ड्राइवर यूनियन (डीसीडीयू) ने कहा कि इस आदेश के खिलाफ उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति तथा उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। डीसीडीयू के अध्यक्ष कमलजीत सिंह ने कहा, हमने बताया है कि इनमें से कई वाहन दो साल से भी कम पुराने हैं। इन वाहनों को ऋण लेकर खरीदा गया है। जहां इन वाहनों को चलाने की इजाजत नहीं दी जा रही, वहीं हमें ईएमआई का भुगतान करना पड़ रहा है।

यह भी पढ़ें- दिल्ली में हट सकता है डीजल टैक्सियों पर लगा प्रतिबंध, सरकार सुप्रीम कोर्ट में करेगी आग्रह

यूनियन ने कहा कि डीजल वाहन को सीएनजी में बदलने की लागत ढाई लाख रुपए बैठती है, जो व्यावहारिक नहीं है। कैब कंपनी ओला ने भी ड्राइवरों का समर्थन किया है। ओला ने पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) से संपर्क किया है। ओला ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के फैसले का समर्थन करती है, लेकिन डीजल वाहनों को हटाने की रूपरेखा बनाई जानी चाहिए।

यह भी पढ़ें- डीजल टैक्सी चालकों के प्रदर्शन से DND पर लगा भारी जाम, प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे हैं ट्रांसपोर्टर्स

Latest Business News