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केंद्र और राज्‍य सरकार की मिलीभगत से बढ़ीं पेट्रोल की कीमतें, चेन्निथला ने किया खुलासा

केरल में कांग्रेस की अगुआई वाले विपक्ष ने बुधवार को केरल सरकार पर केंद्र के साथ मिलकर पेट्रोल की कीमत बढ़ाने का आरोप लगाया और विपक्षी सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।

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नई दिल्‍ली। केरल में कांग्रेस की अगुआई वाले विपक्ष ने बुधवार को केरल सरकार पर केंद्र के साथ मिलकर पेट्रोल की कीमत बढ़ाने का आरोप लगाया और विपक्षी सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए। उन्होंने कहा कि अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में पेट्रोल उत्पादों की कीमतें कम होने के बावजूद जनता को लूटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने कीमतें बढ़ाई हैं।

बुधवार को विधानसभा सत्र के अंतिम दिन विधानसभा अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन ने नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के नेता रमेश चेन्निथला की वह मांग नहीं मानी, जिसमें उन्होंने ईंधन उत्पादों पर राज्य द्वारा कर में कटौती करने पर चर्चा चाहते थे। इसके बाद चेन्निथला विपक्षी सदस्यों के साथ बहिर्गमन कर गए।

उन्होंने कहा कि ओमन चांडी की सरकार (2011-2016) के समय जब ईंधन पदार्थों की कीमतें बढ़ी थीं तो वर्तमान वित्तमंत्री थॉमस इसाक ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव की मांग की थी। चेन्निथला यह कहकर सदन से बाहर चले गए कि, तत्कालीन मुख्यमंत्री चांडी मुद्दे की संवेदनशीलता को समझते हुए चर्चा के लिए राजी हो गए थे और आप जिद कर रहे हैं कि आप कर नहीं घटाएंगे। आप चर्चा तक की अनुमति नहीं दे रहे, जिससे यह साफ पता चल रहा कि आप भाजपा की केंद्र सरकार के साथ मिलकर जनता को लूट रहे हैं।

कांग्रेस विधायक तिरुवंचूर राधाकृष्णन ने स्थगन प्रस्ताव पेश करने की अनुमति मांगी और कहा कि पिछली सरकार ने चार बार ऊंची ईंधन कीमतों पर कर घटाया था, जिससे केरल की जनता को 619 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था। इसाक ने हालांकि तेल कीमतों को अनियंत्रित करने के लिए पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य की आर्थिक स्थिति खराब है। हम ईंधन कीमतें घटाने के लिए कुछ नहीं कर सकते। आप सब जानते हैं कि वित्तमंत्री अरुण जेटली चालाक व्यक्ति हैं। हर बार वे उत्पाद शुल्क बढ़ा देते हैं और विशेष प्रावधानों के तहत उत्पाद शुल्क बढ़ाने पर इस कोष का कोई हिस्सा प्रदेश सरकार को नहीं मिलता। चेन्निथला ने कहा कि वह केंद्र सरकार की जन विरोधी योजनाओं पर चर्चा चाहते हैं। लेकिन चूंकि आपकी रुचि चर्चा में नहीं है, इसलिए साफ होता है कि आप दोनों (केरल और केंद्र सरकार) मिलकर जनता को लूट रहे हैं।

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