नई दिल्ली। सरकार ने सोमवार को कहा कि उसने कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह का गठन किया है। यह समूह पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के विकास और क्रियान्वयन के लिये व्यवस्था पर नजर रखेगा। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक अधिसूचना में यह जानकारी दी। इसमें कहा गया है कि पायलट आधार पर बुनियादी ढांचे के विकास को लेकर यह 20 सदस्यीय समूह क्षेत्र आधारित दृष्टिकोण के तहत सभी जन उपयोगी सेवाओं के साथ-साथ सड़क और रेल आदि के निर्माण के लिए विभिन्न गतिविधियों के बीच तालमेल को लेकर प्रक्रिया और निश्चित समयसीमा निर्धारित करेगा।
समूह के लिये निर्धारित अन्य नियम एवं शर्तों में ‘लॉजिस्टिक’ दक्षता का पता लगाने के लिये योजना क्रियान्वयन की समीक्षा और निगरानी शामिल है। साथ ही समूह का काम योजना में किसी तरह के संशोधन को लेकर रूपरेखा और नियमों को अपनाना, योजना में पहले से शामिल परियोजनाओं में बदलाव को लेकर समन्वय करना है। समूह के सदस्यों में सड़क, पोत परिवहन, नागर विमानन, दूरसंचार, कोयला, खदान, कृषि और व्यय समेत प्रमुख मंत्रालयों के सचिव शामिल हैं। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन भी इसके सदस्य हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बहु-स्तरीय संपर्क व्यवस्था के लिये पिछले महीने प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान को मंजूरी दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘लॉजिस्टिक’ लागत में कमी लाने तथा बुनियादी ढांचा विकास के लिये 13 अक्टूबर को 100 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की। इस पहल का मकसद देश की अर्थव्यवस्था को गति देना है।
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