नई दिल्ली। सरकार ने संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए टैक्स फ्री ग्रेच्युटी राशि की सीमा दोगुनी कर 20 लाख रुपए करने से संबंधित संशोधित विधेयक के प्रारूप को आज अपनी स्वीकृति दे दी। एक सरकारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ग्रेच्युटी भुगतान संशोधन विधेयक 2017 को संसद में पेश किए जाने को मंजूरी दे दी।
इस संशोधन से निजी क्षेत्र के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के लोक उपक्रमों तथा सरकार के अंतर्गत आने वाले उन स्वायत्त संगठनों के कर्मचारियों, जो केंद्रीय सिविल सेवाओं पेंशन नियम के दायरे में नहीं आते, उनकी ग्रेच्युटी सीमा केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर हो जाएगी। वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपए है।
कानून के तहत वर्तमान में ग्रेच्युटी की अधिकतम उच्च सीमा 10 लाख रुपए है। केंद्रीय सिविल सेवाएं पेंशन नियम, 1972 के तहत ग्रेच्युटी के संदर्भ में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए भी यह प्रावधान समान था लेकिन 7वें वेतन केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को अमल में लाने के बाद सरकारी कर्मचारियों के लिए एक जनवरी 2016 से यह सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दी गई।
सरकार ने निजी क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारियों के मामले में महंगाई और वेतन वृद्धि को देखते हुए उनके लिए भी ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ाने का फैसला किया। सरकार का मानना है कि ग्रेच्युटी भुगतान कानून 1972 के तहत आने वाले निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी ग्रेच्युटी सीमा में संशोधन किया जाना चाहिए। इसके अनुसार सरकार ने ग्रेच्युटी भुगतान कानून, 1972 में संशोधन की प्रक्रिया शुरू की है, जो 10 या उससे अधिक कर्मचारियों को नियुक्त करने वाले प्रतिष्ठानों पर लागू होता है।
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