नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दिल्ली के लिए लैंड पूलिंग पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। इससे शहर को 17 लाख आवासीय इकाइयां मिल सकेंगी, जिनमें 76 लाख लोगों को रहने की जगह मिलेगी।
पिछले महीने उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने इस पॉलिसी को मंजूरी प्रदान की थी। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि हां, लैंड पूलिंग पॉलिसी पर दस्तखत कर दिए गए हैं। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी इस बात की पुष्टि की कि मंत्री ने इस नीति को मंजूरी दे दी है।
नीति के तहत एजेंसियां पूल की गई (जुटाई गई) जमीन पर सड़क, स्कूल, अस्पताल, सामुदायिक केंद्र और स्टेडियम जैसे बुनियादी ढांचे का विकास करेंगी। उसके बाद उस जमीन का एक हिस्सा किसानों को लौटा दिया जाएगा, जिस पर वे बाद में निजी बिल्डरों की मदद से आवासीय परियोजना का क्रियान्वयन कर सकते हैं।
पिछले साल डीडीए के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय ने लैंड पूलिंग पॉलिसी के सरलीकरण को मंजूरी दी थी। प्राधिकरण की भूमिका इसमें सिर्फ इसमें सहयोग करने, नियामक और योजनाकार की तय की गई है। इसका तात्पर्य यह हुआ कि जो भी जमीन जुटाई गई है उसका हस्तांतरण डीडीए को कारने की आवश्यकता नहीं है।
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