GST में सर्विसेज पर शुल्क दरों के लिए केंद्र और राज्यों के टैक्स अधिकारी इस हफ्ते करेंगे पहली बैठक
केंद्र एवं राज्य सरकारों के कर अधिकारी GST व्यवस्था में विभिन्न सर्विसेज पर लगाए जाने वाली कर की दरों के लिए फार्मूला तय करने को लेकर इस हफ्ते बैठक करेंगे।
नई दिल्ली। केंद्र एवं राज्य सरकारों के कर अधिकारी एक जुलाई से लागू होने वाली गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) व्यवस्था में विभिन्न सर्विसेज पर लगाए जाने वाली कर की दरों के लिए फार्मूला तय करने को लेकर इस हफ्ते अपनी पहली बैठक करेंगे।
अधिकारी इस हफ्ते करेंगे विचार
अधिकारी ने कहा, निर्धारण समिति सेवाओं पर कर की दरों पर निर्णय करेगी। चूंकि मौजूदा व्यवस्था के तहत फिलहाल सेवा कर के निर्धारण की शक्ति केंद्र के पास है, ऐसे में सेवाओं पर कर का निर्धारण आसान काम होगा। उसने कहा कि ज्यादातर सेवाओं जहां वैट और सेवा कर दोनों लगाया जाता है, वह 18 प्रतिशत की मानक दर के अनुकूल होगा जबकि जहां केवल 12.5 प्रतिशत ही वैट लगता है, उसे 12 प्रतिशत पर लाया जाएगा।
18-19 मई की बैठक में पेश होगी रिपोर्ट
सर्विसेज पर कर का निर्धारण होने के बाद निर्धारण समिति की करीब एक हफ्ते बाद फिर बैठक होगी जिसमें वस्तुओं पर लगने वाले कर के बारे में फैसला किया जाएगा। समिति की पूरी रिपोर्ट को जीएसटी परिषद की श्रीनगर में 18-19 मई को होने वाली बैठक में रखा जाएगा।
अंतिम निर्णय जून तक होने की उम्मीद
केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद मई बैठक में कर की दरों पर चर्चा करेगी और अंतिम निर्णय जून तक किया जाएगा। परिषद में राज्यों के प्रतिनिधि इसके सदस्य हैं। मौजूदा व्यवस्था के तहत केंद्र के पास वस्तुओं के उत्पादन :मानव उपयोग के लिये शराब, अफीम और नशीले पदार्थों को छोड़कर पर कर लगाने का अधिकार है जबकि राज्यों के पास वस्तुओं की बिक्री पर शुल्क लगाने का अधिकार है।
GST परिषद ने तय किया चार स्तरीय कर ढांचा
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जीएसटी परिषद चार स्तरीय कर ढांचा तय कर चुकी है जिसमें कर की दरों को 5, 12, 18 और 28 फीसदी रखने का निर्णय किया गया है। परिषद की कर निर्धारण (फिटमेंट) समिति सुझाव देगी कि किसी सेवा को किस स्तर की GST दर के साथ रखा जाए।
तस्वीरों के जरिए समझिए क्या है GST
GST
महंगाई पर नियंत्रण रखना सबसे बड़ा मुद्दा
समिति को ऐसा करते हुए यह देखना है कि जीएसटी के चलते महंगायी न बढ़े। GST परिषद की 18-19 मई को होने वाली बैठक से पहले निर्धारण समिति की और बैठकें भी हो सकती है। बैठकों में विभिन्न करों के लिये विभिन्न उत्पादों एवं सेवाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा ताकि इसे एक जुलाई से सबसे बड़े कर सुधार को लागू किया जा सके।
परिवहन एवं लाजिस्टिक कंपनियों की सेवाओं पर 12 प्रतिशत कर उपयुक्त होगा जबकि जो सेवाएं 9 प्रतिशत के दायरे में आती हैं, वह 12 प्रतिशत के लिये उपयुक्त हो सकती हैं। अधिकारी ने कहा कि कर की दरों का निर्धारण इस रूप में किया जाएगा जिससे न के मुद्रास्फीति पर उनके प्रभाव को तटस्थ रखा जाए बल्कि सरकार का राजस्व भी प्रभावित नहीं हो।