नई दिल्ली। केंद्र ने राज्य सरकारों के साथ-साथ बीज उद्योग और अनुसंधान निकायों को अज्ञात स्रोत से भारत में आने वाले संदिग्ध या अवांछित सीड पार्सल के बारे में सतर्क किया है, जो देश की जैव विविधता के लिए खतरा हो सकते हैं। कृषि मंत्रालय ने कहा है कि इस संबंध में एक निर्देश जारी किया गया है। पिछले कुछ महीनों में दुनिया भर में हजारों संदिग्ध सीड खेप को भेजे जाने की सूचना प्राप्त हुई है।
मंत्रालय ने कहा है कि अज्ञात स्रोतों से भ्रामक पैकेज के साथ अनचाहे/संदिग्ध सीड पार्सल का खतरा अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड, जापान और कुछ यूरोपीय देशों में पाया गया है। मंत्रालय ने यह भी उल्लेख किया कि अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) ने इसे बीज बिक्री के फर्जी आंकड़े दिखाने का घोटाला (ब्रशिंग स्कैम) और कृषि तस्करी करार दिया है। यूएसडीए ने यह भी बताया है कि अनचाहे बीज पार्सल में विदेशी आक्रामक प्रजाति के बीज या रोगजनकों या रोग को पेश करने का प्रयास हो सकता है, जो पर्यावरण, कृषि पारिस्थितिकी तंत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं।
कृषि मंत्रालय ने कहा कि अनचाही या रहस्यमय सीड पार्सल भारत की जैव विविधता के लिए खतरा हो सकता है। इसने कहा कि इसलिए, सभी राज्यों के कृषि विभाग, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, बीज संघों, राज्य बीज प्रमाणन एजेंसियों, बीज निगमों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के साथ-साथ उनके अपने फसल आधारित शोध संस्थानों को संदिग्ध बीज पार्सल के बारे में सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।
निर्देश पर टिप्पणी करते हुए फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया के महानिदेशक राम कौंडिन्य ने एक बयान में कहा कि अभी यह केवल बिना ऑर्डर के अनाधिकृत स्रोतों से आने वाले बीजों के माध्यम से पौधों के रोगों के संभावित प्रसार के लिए एक चेतावनी है। इसे बीज आतंकवाद बताना अभी जायज नहीं होगा। बीज कौन सी बीमारियां ला सकती हैं, इसकी एक सीमा है। लेकिन फिर भी, यह एक खतरा है। उन्होंने कहा कि ये बीज एक आक्रामक प्रजाति या खरपतवार हो सकते हैं, जो भारतीय वातावरण में स्थापित होने पर देशी प्रजातियों का मुकाबला या उनका विस्थापन कर सकते हैं।
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