चेन्नई: पेट्रोल डीजल के दाम में कटौती करने की मांग को लेकर फिर बड़ा अपडेट सामने आया है। तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने शनिवार को विधानसभा में कहा कि केंद्र सरकार को पेट्रोलियम उत्पादों पर अपने कर में कटौती करने के लिये आगे आना चाहिये, क्योंकि राज्यों के कर राजस्व के संसाधन कम हैं। पन्नीरसेल्वम ने अंतरिम बजट (2021-22) पर मुख्य विपक्षी द्रमुक के आरोपों पर कहा, यह एक त्रुटिपूर्ण दृष्टिकोण है कि राज्य सरकार को पेट्रोल और डीजल की कीमत वृद्धि के लिये जिम्मेदार ठहराते हुए प्रचारित किया जा रहा है।
उन्होंने बजट पर सामान्य चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ‘‘इसमें सच्चाई का कोई अंश नहीं है।’’ उप मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस महामारी जैसे वैश्विक आर्थिक घटनाक्रमों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में असामान्य बदलाव की आशंका को देखते हुए कराधान में बदलाव किया था। पन्नीरसेल्वम ने कहा, ‘‘अगर पुरानी व्यवस्था का पालन किया गया होता तो राज्य सरकार को मूल्य वृद्धि के दौरान अधिक राजस्व प्राप्त करने की गुंजाइश होती। हालांकि, लोगों को मूल्य वृद्धि के बोझ से बचाने के लिये सरकार ने कराधान प्रणाली को बदल दिया।’’
उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कर राजस्व की वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क में कई बार बढ़ोतरी की है। हालांकि, 2011 से 2017 तक तमिलनाडु में दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार द्वारा अतिरिक्त उपकर और अधिभार लगाया जा रहा है। राज्य कर अकेले ईंधन की कीमतों में वृद्धि का कारण नहीं हैं। केंद्र के अतिरिक्त उपकर और अधिभार के मद्देनजर राज्य सरकार को राजस्व की भी हानि हुई है।’’ तमिलनाडु में पुडुचेरी और केरल के साथ छह अप्रैल को चुनाव होंगे।
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