मुंबई। चालू वित्त वर्ष के दौरान घरेलू क्षेत्र में सीमेंट की मांग आठ प्रतिशत बढ़ने की संभावना है। इससे वित्त वर्ष 2019-20 में सीमेंट उद्योग की क्षमता का उपयोग एक साल पहले के 65 प्रतिशत से बढ़कर 71 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। मांग में वृद्धि से वर्ष के दौरान 1.8 से लेकर दो करोड़ टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) की अतिरिक्त उत्पादन क्षमता की आवश्यकता होगी।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अप्रैल 2018 से फरवरी 2019 के दौरान घरेलू सीमेंट उत्पादन में लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो वृद्धि वित्त वर्ष 2018 में साल दर साल के आधार पर छह प्रतिशत थी।
इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सब्यसाची मजूमदार ने कहा कि वित्त वर्ष 2020 के लिए हम मांग में आठ प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद करते हैं और सीमित क्षमता वृद्धि को देखते हुए वर्ष के दौरान उद्योग के क्षमता उपयोग का स्तर वित्त वर्ष 2017-18 के 65 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2019-20 में 71 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। उन्होंने आगे कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में क्षमता में करीब 1.8 से दो करोड़ टन वृद्धि की संभावना है।
अगस्त 2018 में मानसून की वजह से कीमतों पर दबाव बना रहा महीने-दर-महीने आधार पर ज्यादातर बाजारों में गिरावट रही। सितंबर 2018 से फरवरी 2019 के दौरान कीमतों में गिरावट रही।
मजूमदार ने कहा, वर्ष 2019-20 के केंद्रीय बजट में आवास क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर निरंतर ध्यान केंद्रित रहने से सीमेंट उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। बुनियादी ढांचे, सड़कों और रेलवे पर निरंतर जोर के कारण सीमेंट की मांग बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मांग अच्छी रहने से हाल की कीमतों को समर्थन मिलने की संभावना है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में कीमतों पर आपूर्ति के दबाव को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है।
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