नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 2016 की खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों (एमएसपी) की घोषणा की है। ये समर्थन मूल्य इस साल एक सितंबर से लागू होंगे। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने सरकार के इस निर्णय से सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के कृषि सचिवों को अवगत करा दिया है। ये निर्णय इसलिए लिया गया है, क्योंकि खरीफ में बोई और काटी गई फसलें अक्टूबर से पहले भी बाजार में पहुंच सकती हैं।
सरकार प्रत्येक मौसम में प्रमुख कृषि जिंसों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा करती है, ताकि किसानों को उनकी उपज के लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किए जा सकें। धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी, अरहर, मूंग, उड़द, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी के बीज, तिल और कपास जैसी खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य एक जून, 2016 को बुवाई मौसम से पहले ही घोषित कर दिए गए थे, ताकि किसान किसी विशेष फसल की बुवाई के बारे में उचित निर्णय ले सकें।
दलहन के लिए समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए, निर्यात पर प्रतिबंध समाप्त करें: सीईए
दलहन उत्पादन को बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) की अगुवाई वाली समिति ने जीन संवर्धित (जीएम) फसलों को प्रोत्साहित करने के अलावा इसके समर्थन मूल्य में 1,000 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि करने और निर्यात प्रतिबंध तथा स्टॉक रखने की सीमा को समाप्त करने की सिफारिश की है। खरीद एजेंसियों को युद्धस्तर पर दाल खरीदने के लिए 10,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन करने और किसानों को सब्सिडी देने का सुझाव भी दिया गया है। इसके साथ ही दलहन के वायदा कारोबार में प्रतिबंध की फिर से समीक्षा करने को भी कहा गया है।
सीईए अरविन्द सुब्रमण्यम ने वित्त मंत्री को रिपोर्ट सौंपने के बाद कहा, आने वाले सत्र में किसानों को दलहन की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अगले माह से शुरू होने जा रहे वर्ष 2016 के रबी सत्र में चने के एमएसपी को 500 रुपए बढ़ाकर 4,000 रुपए प्रति क्विंटल करने का सुझाव दिया है। तुअर और उड़द के एमएसपी में भारी वृद्धि कर खरीफ 2017 के लिए इसे 6,000 रुपए प्रति क्विंटल करने की भी सिफारिश की गई है। मौजूदा समय में तुअर और उड़द का एमएसपी क्रमश: 5,050 रुपए और 5,000 रुपए प्रति क्विंटल है।
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