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Hindi News पैसा बिज़नेस बीयर कंपनियों के खिलाफ भारत में बड़ी कार्रवाई, 873 करोड़ का जुर्माना ठोका गया

बीयर कंपनियों के खिलाफ भारत में बड़ी कार्रवाई, 873 करोड़ का जुर्माना ठोका गया

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने बीयर बनाने वाली तीन कंपनियां यूबीएल, एसएबी मिल्लर इंडिया लिमिटेड जिसका नाम अब एनहेयूजर बुश इबेव इंडिया लिमिटेड (एबी इनबेव) है और कार्ल्सबर्ग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ एक अंतिम आदेश पारित किया है।

बीयर कंपनियों के खिलाफ भारत में बड़ी कार्रवाई, 873 करोड़ का जुर्माना ठोका गया- India TV Paisa Image Source : PIXABAY बीयर कंपनियों के खिलाफ भारत में बड़ी कार्रवाई, 873 करोड़ का जुर्माना ठोका गया

नई दिल्ली: प्रतिस्पर्धा आयोग ने शुक्रवार को कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बीयर की बिक्री और आपूर्ति में गुटबंदी को लेकर तीन बीयर कंपनियों समेत अन्य व्यक्तियों पर कुल 873 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। आयोग के नियमों का उल्लघंन करने पर यूनाइटेड ब्रेवरीज लिमिटेड (यूबीएल), कार्ल्सबर्ग इंडिया, ऑल इंडिया ब्रूअर्स एसोसिएशन (एआईबीए) पर यह जुर्माना लगाया गया है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने बीयर बनाने वाली तीन कंपनियां यूबीएल, एसएबी मिल्लर इंडिया लिमिटेड जिसका नाम अब एनहेयूजर बुश इबेव इंडिया लिमिटेड (एबी इनबेव) है और कार्ल्सबर्ग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ एक अंतिम आदेश पारित किया है। 

आयोग ने आधिकारिक बयान में कहा, ‘‘ये कंपनियां देश के कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बीयर की बिक्री और आपूर्ति में गुटबंदी जैसी गतिविधियों में लिप्त पाए गई हैं। ’’ सीसीआई ने एआईबीए को इस तरह की साठगांठ को सुविधाजनक बनाने में सक्रिय रूप से शामिल पाया जो आयोग के नियमों का उल्लघंन है। बयान में कहा गया, ‘‘जुर्माने में कमी का लाभ देते हुए एबी इनबेव और उसके व्यक्तियों को 100 प्रतिशत, यूबीएल और उसके व्यक्तियों को 40 प्रतिशत और सीआईपीएल और उसके व्यक्तियों को जुर्माने में 20 प्रतिशत की राहत दी गई।’’ 

नियामक ने यूबीएल और कार्ल्सबर्ग इंडिया पर क्रमश: लगभग 752 करोड़ रुपये और 121 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। वही एआईबीए और विभिन्न व्यक्तियों पर 6.25 लाख रुपये से अधिक जुर्माना लगाया गया है। आयोग के मुताबिक़ इन कंपनियों द्वारा की गई गुटबंदी अवधि 2009 से कम से कम 10 अक्टूबर, 2018 तक मानी गई है। इसमें सीआईपीएल 2012 और एआईबीए 2013 में शामिल हुई। सभी तीन बीयर कंपनियों ने नियामक के समक्ष कम जुर्माना का आवेदन किया था। 

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