नई दिल्ली। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने यस बैंक के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसके तहत इस बैंक में विदेशी निवेश सीमा बढ़ाकर 74 फीसदी की जानी है। इस प्रस्ताव के तहत एक अरब डॉलर (लगभग 6885 करोड़ रुपए) का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आएगा।
केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में बताते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सीसीसईए ने यस बैंक के विदेशी निवेश सीमा बढ़ाकर 74 फीसदी किए जाने के प्रस्ताव को पूर्वव्यापी मंजूरी प्रदान की है। बैंक में मौजूदा विदेशी इक्विटी 41.87 फीसदी है। बैंक को यह सीमा बढ़ाने की मंजूरी निवेश के लिए किसी उप सीमा के बिना ही प्रदान की गई है। इसके तहत वह पात्र अप्रवासी निवेशकों को गैर इक्विटी शेयर या अन्य अनुमति योग्य हुंडियां जारी करेगा। सरकारी बयान के अनुसार इससे देश में लगभग 6885 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आएगा।
भारत-जापान तापीय बिजली समझौते को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने टिकाऊ तथा निम्न कार्बन वाली तापीय बिजली के विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत व जापान में हुए समझौते को पूर्वव्यापी मंजूरी प्रदान की। सरकारी बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें भारत में टिकाऊ तथा निम्न कार्बन वाली तापीय बिजली के विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत व जापान में हुए सहमति पत्र को पूर्वव्यापी मंजूरी दी गई। इस समझौते से भारत को इस क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों व बाधाओं को सुलझाने में मदद मिलेगी।
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