सीसीईए ने बिजली वितरण कंपनियों के लिए 3.03 लाख करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बाद अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन पैकेज के तहत इस योजना की घोषणा की थी।
नई दिल्ली। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बुधवार को बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के लिए 3.03 लाख करोड़ रुपये की पांच वर्षीय सुधार पर आधारित परिणाम से जुड़ी योजना को मंजूरी दी। बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह सीसीईए की बैठक के बाद पत्रकारों को बताया, ‘‘हमने बिजली वितरण सुधारों के लिए बहुत कुछ किया है। इसे मजबूत करने की जरूरत है। आज मंत्रिमंडल ने 3.03 लाख करोड़ रुपये की नई योजना को मंजूरी दी, जिसमें 97,000 करोड़ रुपये का केंद्रीय परिव्यय शामिल है।’’ उन्होंने कहा कि डिस्कॉम को उनकी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए धन दिया जाएगा।
चालू वित्त वर्ष के आम बजट में सरकार ने सुधार आधारित परिणाम से जुड़ी बिजली वितरण योजना की घोषणा की थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बाद अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन पैकेज के तहत इस योजना की घोषणा की थी। सुधारों पर आधारित परिणाम से जुड़ी बिजली वितरण योजना के तहत डिस्कॉम को बुनियादी ढांचे की स्थापना, व्यवस्था के उन्नयन, क्षमता निर्माण और प्रक्रिया में सुधार के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस योजना के तहत प्रत्येक राज्य को उसकी जरूरत के हिसाब से मदद दी जाएगी।
डिस्कॉम की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिये सरकार लगातार कदम उठा रही है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली उत्पादक कंपनियों (जेनको) का बकाया अप्रैल, 2021 में एक साल पहले की तुलना में 11.2 प्रतिशत घटकर 81,628 करोड़ रुपये रह गया है। अप्रैल, 2020 तक डिस्कॉम पर बिजली वितरण कंपनियों का बकाया 91,915 करोड़ रुपये था। डिस्कॉम पर बिजली उत्पादकों का बकाया सालाना के साथ माह-दर-माह आधार पर लगातार बढ़ा है, जो क्षेत्र में दबाव का संकेत देता है। हालांकि, मार्च, 2021 में इसमें कुछ कमी आनी शुरू हुई थी।अप्रैल में डिस्कॉम पर जेनको का बकाया मार्च की तुलना में बढ़ा है। मार्च में यह 78,841 करोड़ रुपये रहा था। मार्च में डिस्कॉम पर कुल बकाया पिछले साल के समान महीने की तुलना में 3.4 प्रतिशत घटा। पिछले साल मार्च में यह 81,687 करोड़ रुपये रहा था।
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