अहमदाबाद। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने गुजरात स्थित एक कंपनी के डायरेक्टर्स और बैंक ऑफ बड़ौदा के तीन कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया है। इन लोगों पर बैंक को 374.49 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने के आरोप है। बैंक कर्मचारियों ने कंपनी को 374.49 करोड़ रुपए की पैकिंग क्रेडिट सुविधा और विदेशी बिल खरीद अथवा डिस्काउंटिग की सुविधा दी थी, जिसका कथित तौर पर दुरुपयोग किया गया।
बनते थे बिल, लेकिन नहीं होता था निर्यात
सीबीआई ने अपने बयान में कहा है, यह पता चला है कि 184 बिलों के एवज में कथित तौर पर कोई निर्यात नहीं किया गया। इसके अलावा कर्ज लेने वालों ने चीन में जिन तीन गोदामों के बारे में जानकारी दी थी कथित रूप से उनमें कोई स्टॉक नहीं पाया गया। बैंक द्वारा जांच कार्य के लिए नियुक्त कानूनी फर्म ने इसकी पुष्टि की गई। शुरुआती जांच के आधार पर सीबीआई ने कंपनी के निदेशकों, बैंक अधिकारियों और अग्यात व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और आधिकारिक शक्तियों के दुरुपयोग का मामला दर्ज किया है। एजेंसी ने कहा है कि मामले की जांच को आगे बढ़ाते हुए गुरुवार को अहमदाबाद में दो स्थानों पर और मुंबई में एक स्थान पर तलाशी की जा रही है।
गैरकानूनी तरीके से एक डॉलर विदेश भेजने पर वसूला गया 1.35 रुपए
बैंक ऑफ बड़ौदा की अशोक विहार शाखा के जरिए गैरकानूनी तरीके से धन विदेश भेजने वाले रैकेट ने इस घोटाले में करोड़ों रुपए की अवैध कमाई की। इन लोगों ने उनकी सर्विस का इस्तेमाल करने वाले लोगों से विदेश भेजे गए प्रत्येक एक डॉलर पर 1.35 रुपए का शुल्क लिया। बैंक आफ बड़ौदा की अशोक विहार शाखा से करीब 6,000 करोड़ रुपए (100 करोड़ डॉलर) हांगकांग और दुबई भेजने के मामले की सीबीआई की जांच से संकेत मिलता है। इस घोटाले के मास्टरमाइंड ने अपने चैनल रहते जरिए धन विदेश भेजने की सुविधा देने के लिए यह राशि वसूल की है।
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